Ranchi.झारखंड सरकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय फोरम पर केंद्र सरकार के समक्ष अपने बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये के भुगतान की मांग रखी है. राजस्थान के जैसलमेर में वित्तीय वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट को लेकर बुलायी गयी प्री-बजट मीटिंग में झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने यह मांग उठायी है. उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए बकाया का भुगतान जल्द किया जाये. प्री-बजट बैठक में कश्मीर के मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, बिहार के डिप्टी सीएम सहित देशभर के वित्त मंत्री और पदाधिकारी शामिल हुए.
वित्त मंत्री श्री किशोर ने बैठक में कहा कि झारखंड की कोख में अमीरी है, लेकिन इसकी गोद में गरीबी है. राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं में केंद्र की विशेष सहायता की जरूरत है. वित्त मंत्री श्री किशोर ने झारखंड के लिए नये प्रोजेक्ट की मांग भी की. साथ ही कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और यातायात की सुगमता के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग रखी. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि झारखंड अपने आंतरिक स्रोत से बहुआयामी विकास योजनाओं को पूरा करने में असमर्थ है, ऐसे में जनजातीय बहुल राज्य के सर्वांगिण विकास के लिए केंद्र सरकार की मदद जरूरी है.
राज्य सरकार ने उग्रवाद प्रभावित इलाकों के लिए बंद किये गये विशेष पैकेज को अगले पांच वर्षों के लिए दोबारा शुरू करने की मांग रखी. वित्त मंत्री श्री किशोर ने कहा कि राज्य में उग्रवाद भले ही खत्म हो गया है, लेकिन जिस उद्देश्य से पैसा मिल रहा था, वह खत्म नहीं हुआ. उन इलाकों के लिए विशेष सहायता अब भी जरूरी है. झारखंड सरकार की ओर से इस बैठक में 15 सूत्री मांग रखी गयी