जमशेदपुर विमेंस कॉलेज के एक पूर्व प्राचार्य को जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाने के उद्देश्य से कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का मनमाने ढंग से दूसरे विश्वविद्यालय में किया जा रहा है तबादला ? कोल्हन विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी के अस्थाई शिक्षकों का सेवा अनुबंध का रिन्यूअल बना जांच का विषय l
कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति मनमाने ढंग से जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का तबादला करके एवं अस्थाई शिक्षकों का सेवा अनुबंध का रिन्यूअल कर, शिक्षकों के बीच दहशत उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं।उनका यह रवैया बहुत ही आपत्तिजनक एवं अपने कुछ नज़दीकियों को निजी स्वार्थवश लाभ दिलाने वाला प्रतीत होता है! इस संबंध में शिकायत पत्र झारखंड के महामहिम राज्यपाल महोदय को भी भेजी गई है जिसमें निम्न आरोप कोल्हन वश्वविद्यालय के कुलपति पर लगाए गए हैंl
1-जमशेदपुर वीमेन्स कॉलेज को वीमेन यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय हुआ और कुलपति पद पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन भी निकाल चुका है।विज्ञापन निकल जाने के बाद जब कुलपति नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही हो तब किसी शिक्षक से कन्सेन्ट लिये बिना तबादला करना क्या नियम के विरूद्ध नहीं है?
2- वर्षों से जो शिक्षक वीमेन यूनिवर्सिटी बनाने की हर प्रक्रिया में शामिल हों,सक्रिय योगदान करते आये हों ,जो हर पल वीमेन यूनिवर्सिटी में कार्य करने की उम्मीद से अपना योगदान देते आये हों ,उनसे बिना पूछे ,सहमति लिये बिना अचानक तबादला कर देना सरासर ग़लत प्रक्रिया है अथवा नहीं ?
3-स्वीकृत पद पर कार्यरत किसी शिक्षक का तबादला बहुत ही ग़लत प्रक्रिया है,जब विश्वविद्यालय बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है तब वीमेन्स कॉलेज से तबादला कर पदों को रिक्त कर देना यहाँ की व्यवस्था को कहीं ध्वस्त करने की साज़िश तो नहीं है!
4-किसी भी विश्वविद्यालय में तबादला समिति होती है।इस समिति में कौन-कौन सदस्य हैं,इस समिति की सहमति से तबादले की प्रक्रिया हुई कि नहीं और किस कारण से हुई इसकी जाँच आवश्यक है।
5-विश्वविद्यालय को राजभवन से यह निर्देश दिया गया था कि हर कार्य समिति की सहमति से हो,समिति की सहमति लिये बिना ही सारे नियम परिनियम को ही नहीं राजभवन के निर्देश को भी ताक पर रखकर कार्य हो रहा है।
6- कोल्हन विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी के अस्थाई शिक्षकों का सेवा अनुबंध का रिन्यूअल किया जाना संभवत अवैध है!
अब यह मामला झारखंड के महामहिम राज्यपाल महोदय के संज्ञान में आने के बाद क्या कार्रवाई हो पाती है यह समय के गर्भ में है l