KOLKATA. पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक बड़े अंतर्राज्यीय फर्जी रेलवे नौकरी रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह का मुख्य केंद्र आसनसोल के औद्योगिक और कोयला क्षेत्र में है. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो मूल रूप से आसनसोल के निवासी हैं. इन दोनों को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार कर शनिवार को ट्रांजिट रिमांड पर आसनसोल लाया गया. गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान दिनेश कुमार और प्रीति अरोड़ा उर्फ सीमा के रूप में हुई है.
दिनेश कुमार आसनसोल के दुर्गा कॉलोनी के निवासी हैं, जबकि सीमा का घर आसनसोल के सुकांत पल्लि इलाके में है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये दोनों लखनऊ में पति-पत्नी बनकर रह रहे थे. इस फर्जीवाड़े की जांच नवंबर में तब शुरू हुई, जब पड़ोसी राज्य के एक युवक ने शिकायत की कि उससे रेलवे नौकरी के वादे पर लाखों रुपये ठगे गए. इसके बाद 30 नवंबर को पुलिस ने इस गिरोह के एक अन्य सदस्य हरिंदर सिंह को गिरफ्तार किया, जो बिहार का मूल निवासी है.
हरिंदर सिंह के घर से पुलिस ने फर्जी नियुक्ति पत्र समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि इस रैकेट के पीछे दिनेश कुमार और सीमा का मुख्य हाथ है.
हरिंदर की जानकारी के आधार पर पुलिस ने आसनसोल से एक और व्यक्ति अवधेश कुमार को गिरफ्तार किया. पूछताछ में अवधेश ने बताया कि दिनेश कुमार और सीमा इस गिरोह के मास्टरमाइंड हैं. इसके बाद पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू की और जानकारी मिली कि वे लखनऊ में छिपे हुए हैं.
पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम ने लखनऊ पहुंचकर दोनों को हिरासत में लिया और आसनसोल ले आई. फिलहाल दोनों पुलिस हिरासत में हैं, और उनसे पूछताछ जारी है ताकि इस रैकेट के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाई जा सके.