Prayagraj. संगम की रेती पर आयोजित विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुम्भ, सोमवार के स्नान पर्व से प्रारंभ होने जा रहा है जिसके लिए मेला प्रशासन ने पूरी तरह से तैयारी का दावा किया है. हालांकि अभी कई जगहों पर कार्य प्रगति पर है. स्नान से एक दिन पूर्व रविवार को संगम घाट और अन्य घाटों पर तैयारियों का जायजा लिया. सभी घाट स्नान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इस बार संगम तट के अलावा नदी के बीच में कई ‘चेंजिंग रूम’ बनाए गए हैं और सभी नाविकों को यात्रियों के लिए ‘लाइफ जैकेट’ दिए गए हैं.
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नाव के किराए की दर का बोर्ड भी लगाया गया है. स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए महाकुम्भ में पहली बार ‘अंडर वॉटर ड्रोन’ तैनात किया गया है जो 24 घंटे पानी के भीतर हर गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम है. प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी जोन) डॉक्टर राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि पानी के अंदर बेहद तेज गति से काम करने वाले इस ड्रोन की सबसे खास बात यह है कि यह अंधेरे में भी लक्ष्य पर सटीक नजर रखने और पानी के नीचे 100 मीटर गहराई तक टोह लेने में सक्षम है.महाकुम्भ का स्नान पर्व 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ प्रारंभ होकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेगा. इस अवधि में मुख्य स्नान पर्व 14 जनवरी (मकर संक्रांति) 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और तीन फरवरी (बसंत पंचमी) का है.
मेल क्षेत्र में ये इंतजाम
उन्होंने बताया कि यहां 700 झंडे लगी नावों पर 24 घंटे प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) व राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान तैनात रहेंगे. साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर गोताखोर तैनात किए गए हैं. मेला क्षेत्र के वीआईपी सेक्टर कहे जाने वाले सेक्टर 2, 3, 4, 18 और 19 में अखाड़ों और प्रशासनिक अधिकारियों के शिविर बनकर तैयार हैं, लेकिन कल्पवासियों के शिविरों में शौचालय और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी की शिकायतें आ रही हैं.
सेक्टर 18 में कल्पवासियों के शिविर लगाने वाले मनीष त्रिपाठी ने बताया कि नल की पर्ची जमा किए हुए 10 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक शिविर में नल नहीं लगा है और मेला प्रशासन में कोई सुनवाई नहीं हो रही. सेक्टर 18 में अखाड़ों विशेषकर जूना अखाड़ा के शिविरों की कुटिया में धुनी रमाये नागा साधुओं को देखने और उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. महाकुम्भ के मुख्य आकर्षण इन अखाड़ों को बसाने में मेला प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है.
इसी प्रकार, अपनी दिव्यता और भव्यता के लिए चर्चा में रहे पायलट बाबा, जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि और निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविरों में देसी और विदेशी अतिथियों का आगमन प्रारंभ हो चुका है और इनके शिविर पूरी तरह से तैयार हैं.
मेला क्षेत्र में सेक्टर 18 में संगम लोअर मार्ग पर पायलट बाबा के शिविर में मौजूद महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरि ने तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उनका शिविर लगभग तैयार है, ज्यादातर अतिथि आ चुके हैं और मेला प्रशासन ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है.