New Delhi. एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कहा कि नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद विस्तारा के विमानों और चालक दल को एयर इंडिया में शामिल करने की तारीख 12 नवंबर तय की गई है. टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच संयुक्त उद्यम विस्तारा का एयर इंडिया में विलय हो रहा है। विलय के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की इस एयरलाइन की टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
सरकार ने विलय के हिस्से के रूप में सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है. विल्सन ने शुक्रवार को कर्मचारियों को भेजे संदेश में कहा कि वे अब लंबी तथा जटिल विलय प्रक्रिया के अंतिम चरण में हैं. विलय की घोषणा नवंबर 2022 में की गई थी. विल्सन ने कहा कि 12 नवंबर या उसके बाद विस्तारा की उड़ानों के लिए उड़ान संख्या एयर इंडिया की संख्या में बदल जाएगी. हालांकि, करीब सभी मामलों में विमान, समय सारणी तथा परिचालन चालक दल 2025 की शुरुआत तक अपरिवर्तित रहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘12 नवंबर के बाद के लिए विस्तारा की उड़ानों में पहले से बुकिंग करा चुके सभी ग्राहकों की बुकिंग एयर इंडिया की उड़ान संख्या में परिवर्तित हो जाएगी. यह सितंबर में चरणबद्ध तरीके से होगा और ऐसा होने पर ग्राहकों को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाएगा.
विल्सन ने कहा कि अब विनियामक मंजूरी मिलने के बाद विस्तारा एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट से एयर इंडिया में विमान तथा चालक दल को स्थानांतरण करने की तारीख 12 नवंबर निर्धारित की गई है.
उन्होंने कहा, ‘अब जबकि हम इस लंबी तथा जटिल प्रक्रिया के अंतिम चरण में हैं, तो आइए हम अपनी एकाग्रता तथा प्रयास कायम रखें ताकि हमारे सामूहिक ग्राहक तथा सहकर्मियों के लिए यह बदलाव बेहद सहज हो.’ एयर इंडिया ने एक अलग विज्ञप्ति में, एयरलाइन में सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी का स्वागत किया. इसमें कहा गया, ‘यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो विस्तारा तथा एयर इंडिया के बीच विलय प्रक्रिया और एयर इंडिया समूह के व्यापक बदलाव को सुगम बनाती है.