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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के एक माह बाद भी नहीं हुआ भ्रष्टाचार और अनियमितता की जांच शुरू।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के एक माह बाद भी नहीं हुआ भ्रष्टाचार और अनियमितता की जांच शुरू।

झारखंड में किस कदर भ्रष्टाचार और अनियमितता हावी है कि झारखंड विधानसभा के नए भवन के
निर्माण और निर्माणाधीन झारखंड हाईकोर्ट भवन भी भ्रष्टाचार और अनियमितता की भेंट चढ़ गया है। झारखंड विधानसभा के नए भवन के निर्माण और निर्माणाधीन झारखंड हाईकोर्ट भवन में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच के आदेश के एक महीने बाद भी जांच शुरू नहीं हुई।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पिछले 17 मई को ही इन दोनों भवनों के निर्माण में हुई गड़बड़ी की न्यायिक जांच के आदेश दिए  थे,लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद परामर्श के लिए महाधिवक्ता को
भेजी गई फाइल अभी तक ज्यों की त्यों पड़ी हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार न तो न्यायाधीश का नाम तय हो पाया है और ना ही न्यायिक जांच की
कोई प्रक्रिया शुरू हो पाई है। उल्लेखनीय है कि पहले मुख्यमंत्री ने इन दोनों भवनों के निर्माण की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया था। बाद में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा 17 मई 2022 को
दी गई सूचना में बताया गया कि सीएम ने न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया है, लेकिन जांच अभी तक फाइलों में ही सिमट कर रह गई है ।देखना यह है कि जांच कब तक आगे बढ़ता है, और इस जांच में कौन-कौन सफेद पोस और ठीकेदार निशाने पर आते। खैर यह राज्य की राजधानी की बात है जहां बड़े-बड़े ठेकेदार सफेदपोश माननीय रहते हैं  ,और अधिकारी कार्यों की निगरानी करते हैं। ऐसे में कुछ दिनों के जांच के बाद पहुंच, पैरवी, पावर, बोलता है के तर्ज पर सब कुछ जायज की चर्चा प्रारंभ हो जाती है l
ए के मिश्र

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