Noamundi. टाटा स्टील में एक बार फिर नारी शक्ति ने अपना लोहा मनवाया है. कंपनी की पहल से नोवामुंडी लौह आयस्क खदान में एक शिफ्ट में सिर्फ महिलाएं खनन की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगी. इस शिफ्ट में खनन की सभी प्रमुख गतिविधियों के लिए महिलाओं को शामिल किया गया है. इसकी शुरुआत सोमवार को नोवामुंडी में दक्षिण पूर्व जोन के माइंस सेफ्टी डिप्टी डायरेक्टर जनरल श्याम सुंदर प्रसाद ने हरी झंडी दिखाकर की. इस अवसर पर चाईबासा के माइंस सेफ्टी डायरेक्टर राकेश रामेश्वर मिश्रा और चाईबासा के माइंस सेफ्टी के डिप्टी डायरेक्टर सुधीर आर भी उपस्थित थे.
मौके पर दक्षिण पूर्व जोन के माइंस सेफ्टी डिप्टी डायरेक्टर जनरल श्याम सुंदर प्रसाद ने प्रगतिशील कार्यस्थल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि वर्ष 2019 में खनन क्षेत्र में महिलाओं को सभी शिफ्ट्स में कार्य करने की अनुमति देने का डीजीएमएस का फैसला सही दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम था. उन्होंने टाटा स्टील की इस पहल की सराहना की, जो एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में ऐसी पहल का नेतृत्व कर रही है.
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट रॉ मैटेरियल डीबी सुंदररामम ने कहा कि यह ऑल वीमेन शिफ्ट न केवल टाटा स्टील के लिए, बल्कि भारतीय खनन उद्योग के लिए भी ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह महिलाओं की दृढ़ता और उनकी क्षमताओं का प्रमाण है, जो पारंपरिक सोच को तोड़ रही हैं. यह हमारी इस सोच को भी दर्शाता है कि विविधता व समावेशन नवाचार और उत्कृष्टता के लिए आवश्यक हैं. हमें इस बदलाव का नेतृत्व करने पर गर्व है और हम विशेष रूप से खनन क्षेत्र में महिलाओं के लिए और अधिक अवसर सृजित करते रहेंगे. यह पहल नोवामुंडी में खनन के गौरवशाली 100 वर्ष के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है.