Ranchi. झारखंड के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापक) के मानदेय में 1000 रुपये की बढ़ोतरी होगी. साथ ही शिक्षकों को इपीएफ का लाभ भी मिलेगा. शिक्षकों के इपीएफ के नियोक्ता मद का अंशदान सरकार देगी. यह निर्णय बुधवार को शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम के साथ पारा शिक्षकों की हुई वार्ता में लिया गया. बैठक के बाद पारा शिक्षकों ने आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया. बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार, इपीएफ मद में कुल 3900 रुपये की कटौती होगी. इनमें से 1950 रुपये झारखंड सरकार देगी. जबकि शेष 1950 रुपये शिक्षक देंगे. ऐसे में देखा जाये, तो शिक्षकों के मानदेय में कुल 3000 रुपये की बढ़ोतरी होगी. इसमें से 1950 रुपये सरकार इपीएफ मद में देगी व 1000 रुपये शिक्षकों को दिये जायेंगे. ऐसे में कुल 3900 रुपये में से शिक्षकों को फिलहाल मिल रहे मानदेय में से 950 रुपये इपीएफ मद में देना होगा. शिक्षक काफी दिनों से इपीएफ की मांग कर रहे थे, पर शिक्षकों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा की गयी थी. ऐसे में नियोक्ता के अंशदान को लेकर सहमति नहीं बन पायी थी. अब इपीएफ के लिए शिक्षकों के नियोक्ता का अंशदान सरकार देगी.
हर साल 4% बढ़ेगा मानदेय
बैठक में शिक्षकों के प्रति वर्ष होनेवाले चार फीसदी मानदेय बढ़ोतरी के लिए अब प्रति वर्ष सेवा सत्यापन नहीं करना होगा. वर्तमान प्रावधान के अनुरूप शिक्षकों को प्रति वर्ष सेवा सत्यापन कराना होता है, इसके बाद मानदेय में बढ़ोतरी होती है. केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल शिक्षकों को भी झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल होने के समतुल्य माना जायेगा. इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया जल्द पूरी की जायेगी. बैठक में विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, अमित यादव, राजेश कच्छप, शिक्षा विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह, परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के अलावा झारखंड एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के विनोद तिवारी, विनोद बिहारी महतो, संजय दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रद्युमन सिंह, विकास कुमार, शेख सिद्दीकी, भगवत तिवारी, नरोत्तम सिंह मुंडा, सुुशील पांडेय शामिल थे.