New Delhi. कच्चे तेल की कीमतों में हाल के सप्ताहों में आई कमी से पेट्रोलियम कंपनियों के वाहन ईंधन पर मुनाफे में सुधार हुआ है. इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में दो से तीन रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की गुंजाइश मिली है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल की कीमत सितंबर में औसतन 74 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी, जो मार्च में 83-84 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आखिरी बार दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी.
इक्रा ने एक ‘नोट’ में कहा, कच्चे तेल की कीमतों में कमी के साथ हाल के सप्ताहों में भारतीय पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए मोटर वाहन ईंधन की खुदरा बिक्री पर विपणन मुनाफे में सुधार हुआ है. रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि यदि कच्चे तेल की कीमतें वर्तमान स्तर पर स्थिर रहीं तो खुदरा ईंधन कीमतों में कमी की गुंजाइश है. इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख गिरीश कुमार कदम ने कहा, ‘‘ इक्रा का अनुमान है कि सितंबर, 2024 (17 सितंबर तक) में अंतरराष्ट्रीय उत्पाद कीमतों की तुलना में ओएमसी की शुद्ध प्राप्ति पेट्रोल के लिए 15 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 12 रुपये प्रति लीटर अधिक रही. इन ईंधन के खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) मार्च, 2024 से यथावत हैं (15 मार्च, 2024 को पेट्रोल तथा डीजल के दाम में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी) और ऐसा प्रतीत होता है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं तो उनके दो से तीन रुपये प्रति लीटर की कमी करने की गुंजाइश है.
कच्चे तेल की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में भारी गिरावट देखी गई है, जिसका मुख्य कारण कमजोर वैश्विक आर्थिक वृद्धि और उच्च अमेरिकी उत्पादन है. वहीं ओपेक एवं सहयोगी देशों (ओपेक+) ने गिरती कीमतों से निपटने के लिए अपने उत्पादन कटौती को वापस लेने के अपने फैसले को दो महीने के लिए आगे बढ़ा दिया.