रांची. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) केस मैनेज करने के नाम पर ठगी मामले में शनिवार को चुटिया थाना क्षेत्र के सुजाता चौक के पास प्रदीप गुप्ता के घर पर छापेमारी कर रही है. सूत्रों ने बताया कि प्रदीप गुप्ता पूर्व में एक न्यायाधीश की गाड़ी चला चुका है. ईडी ने उसके छोटे बेटे को हिरासत में ले लिया. बताया जाता है कि ईडी की छापेमारी से पहले शुक्रवार की रात प्रदीप गुप्ता और उसका बड़ा बेटा प्रीतम गुप्ता घर छोड़कर फरार हो गए थे. यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने इस मामले में कार्रवाई की है.
इससे पहले आठ अक्टूबर को ईडी ने रांची, धनबाद और पटना में इस मामले से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इनमें अधिवक्ता सुजीत कुमार, कांके के अंचलाधिकारी जय कुमार राम, पूर्व अंचलाधिकारी सह धनबाद के डीटीओ दिवाकर द्विवेदी, नामकुम के पूर्व अंचलाधिकारी प्रभात भूषण और जमीन कारोबारी संजीव पांडेय के ठिकाने शामिल थे. पंडरा थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने इस मामले में जांच शुरू की थी.
उल्लेखनीय है कि कांके जमीन घोटाला में गिरफ्तार किए गए कमलेश के करीबी जमीन कारोबारी संजीव पांडेय ने ईडी को मैनेज करने के नाम पर वकील सुजीत कुमार पर छह करोड़ रुपये ठगी करने का आरोप लगाया था. संजीव पांडेय ने सुजीत कुमार के खिलाफ दो दिन पूर्व पंडरा थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है. अपने आवेदन में संजीव ने लिखा है कि जो रुपये ईडी को मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता को दिए गए थे, उसमें कांके सीओ रहे जयकुमार राम ने अमन नाम के एक आदमी से तीन करोड़ 40 लाख नकदी और एक आईफोन दिया गया था.
कांके के पूर्व सीओ और धनबाद डीटीओ दिवाकर द्विवेदी ने अपने भाई के माध्यम से एक करोड़ रुपये तथा नामकुम के पूर्व सीईओ प्रभात भूषण सिंह ने एक करोड़ रुपये दिए थे लेकिन इसके बावजूद ईडी की चार्जशीट में सभी का नाम आ गया. जब पैसे अधिवक्ता से वापस मांगे गए तब उसने किस्तों में पैसे देने की बात कही थी लेकिन बाद में अधिवक्ता के द्वारा दूसरे पक्ष के लोगों पर अपहरण का मामला दर्ज करवा दिया गया. रांची पुलिस अभी मामले की जांच ही कर रही थी तब तक इसमें ईडी की एंट्री हो गई.