जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार रहे समीर मोहंती अपने ही दिए बयान से यू टर्न लेने पर चर्चा में बने हुए हैं l
लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद जमशेदपुर के झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार समीर मोहंती के नाम से जारी एक पत्र ने भूचाल ला दिया है,उस पत्र में उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर कई संगीन आरोप लगाया था l
उक्त पत्र में कहा गया था कि पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने पूर्वी विधानसभा के बूथों के संचालन के लिए समीर मोहंती से 25 लख रुपए लिए थे, लेकिन आनंद बिहारी दुबे ने उन्हें कार्यकर्ताओं के बीच बांटने के बजाय आपस में ही निपटा लियाl जिसकी वजह से कई बूथ पर इंडिया गठबंधन के लोग नदारत थेl
समीर मोहंती के उक्त पत्र ने रांची से लेकर दिल्ली तक के राजनीति में भूचाल ला दिया था, पर चंद घंटे के बाद समीर मोहंती का कहना है कि उक्त पत्र पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैl अर्थात वह पत्र फर्जी है l
राजनीतिज्ञ मामलों के जानकारों का कहना है कि समीर मोहंती अपने आरोप पर सम्भवतः इसलिए कायम नहीं है कि कहीं उन पर चुनाव आयोग का तय सीमा से अधिक खर्च करने का डंडा ना चल जाएl
समीर मोहंती के उक्त विवादित पत्र के हिसाब से जब पूरे संसदीय क्षेत्र का लेखा-जोखा लगाया जाए तो यह पता चला कि डेढ़ करोड़ रूपया तो केवल बूथ संचालक के लिए उम्मीदवार को खर्च करना पड़ा l ज्ञात हो कि जमशेदपुर संसदीय सीट में लगभग 1800 से अधिक बूथ है l उस हिसाब से कुल बूथों का खर्च ही करीब डेढ़ करोड़ रूपया आता है, इसके अलावा नामांकन के दौरान जुटाए गई भीषण रैली, विज्ञापन होडिंग, स्टार प्रचारक को का कार्यक्रम इत्यादि को मिला दिया जाए तो यह राशि चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवार के लिए तय चुनावी खर्च की राशि से कहीं अधिक हैl
ऐसे में इस तरह की बात आने से 24 घंटे के अंदर ही पत्र को फर्जी करार दिया जाना स्वाभाविक है lझामुमो एवं कांग्रेस के आला नेता भी उक्त तथाकथित फर्जी पत्र से संसय में हैlकयास लगाया जा रहा है कि आला कमान के आदेश के बाद समीर मोहंती को यू टर्न लेना पड़ाl
यदि इस पत्र को सही माना जाए तो उम्मीदवार और पार्टी चुनाव आयोग के घेरे में आ सकता हैl यह पूरी पार्टी के लिए एक मुसीबत बन सकता है l
उक्त विवादित पत्र के हस्ताक्षर और लेटर पैड को लेकर अगर इसका दुरुपयोग किया गया है, तो उसकी जांच होनी चाहिए एवं थाना में मुकदमा भी दर्ज कर दिया जाना चाहिए था l
उक्त पत्र की विश्वसनीयता को लेकर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इसकी फोरेंसिक जांच की मांग चुनाव आयोग से की हैl
झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की ही सरकार है और यदि किसी ने विधायक से लोकसभा प्रत्याशी के नाम और लेटर पैड का इस तरह दुरुपयोग किया है तो उसे पर विधि संवत कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिएl
Kumar Manish,9852225588