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Saryu Rai:Tata Steel क्वार्टर तोड़कर खाली जमीन का क्या उपयोग करना चाहती है? विधायक सरयू राय ने पूछा, कचरा निष्पादन पर भी बोले-एनजीटी में ले जायेंगे मामला

Jamshedpur. जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने कहा कि क्षेत्र में कचरा का निष्पादन बड़ी समस्या बन गई है. दरअसल इसके लिए भी पूर्व की सरकार ही जिम्मेवार है, क्योंकि सरकार ने निष्पादन की नीति तो बना दी, लेकिन इसे जमीनी स्तर पर उतार नहीं सकी. वर्ष 2016 के बाद से इस दिशा में कोई भी सरकार एक कदम आगे नहीं बढ़ पाई है. सरयू बिष्टुपुर मिलानी हॉल में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे. उन्होंने अपनी आगामी कार्ययोजना भी साझा की. उन्होंने कहा कि कचरा निष्पादन का अर्थ सिर्फ एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर डंप करना नहीं है, बल्कि उसे अलग-अलग छांटकर पूरी तरह निस्तारण करना है.

पूर्व में टाटा स्टील की सहमति से जमशेदपुर अक्षेस व मानगो नगर निगम का कचरा सिदगोड़ा बारा में कचरा गिराया जाता था. उसके बाद सोनारी मेरिन ड्राइव में इसे गिराये जाने लगा. स्थानीय लोगों की एनजीटी में शिकायत पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व सरकार ने शपथ पत्र सौंपा कि जल्द ही इसका निस्तारण कर दिया जाएगा. लेकिन सरकार हाथ पर हात धरे बैठे रही. अभी आदित्यपुर में निजी जमीन पर आपसी समझौते के तहत कचरा गिराया जा रहा है. अब वे कानूनी रूप से राज्य के सभी नगरपालिका में इस समस्या की ठोस व्यवस्था कराने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे. कचरा के निष्पादन का मामला राज्य स्तर पर है. कचरा को लेकर जमशेदपुर के अलावा मानगो, जुगसलाई, आदित्यपुर समेत राज्यस्तर के मसले को लेकर एनजीटी में लेकर जायेंगे.

श्री राय ने कहा कि टाटा स्टील लगभग हर क्षेत्र में कर्मचारियों के क्वार्टर तोड़कर उसे समतल किया जा रहा है. उक्त जमीन पर भविष्य में क्या योजना उनके पास है. सिर्फ पार्क या उसे घेरकर चाहरदीवारी बनाना काफी नहीं है. ऐसे में यह शहर बेजान सा हो जाएगा. यह शहर मरता हुआ शहर हो रहा है. इन खाली जमीन पर उद्योग लगाने का काम किया जाना चाहिए. इसके लिए सरकार को भी कंपनी से बात करना चाहिए कि आखिर टाटा स्टील इन खाली जमीन का क्या उपयोग करना चाहती है. कंपनी का लैंड यूज का प्लान क्या है.

कदमा में चल रहा जमीन हथियाने का खेल

विधायक ने कह कि कदमा में इन दिनों जबरन जमीन हथियाने का खेल जोर-शोर से चल रहा है. पूर्णिमा बासु नामक एक महिला ने उनसे शिकायत की कि उनकी लगभग 40 कट्ठा जमीन घेरकर भूमाफियाओं ने अपने कब्जे में ले लिया. इस तरह की शिकायत आए दिन उनके पास आ रही है. इसलिये सभी जनप्रतिनिधियों को यह शपथ पत्र देना चाहिए कि न तो वे सरकारी या निजी जमीन अतिक्रमण करेंगे और न ही करने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि में कदमा केडी फ्लैट मुख्य सड़क बंद करने का मामला जल्द सुलझने वाला है.

टाटा स्टील से इस दिशा में लगातार वार्ता हो रही है. कंपनी प्रबंधन ने भी कई विकल्प सुझाये हैं, जिसपर मंथन जारी है. पूर्वी जमशेदपुर की समस्या व इस दिशा में वे विधायक रहते हुए की गई पहल पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यहां मालिकाना, मोहरदा जलापूर्ति योजना व म्यूनिसिपलिटी मुख्य मुद्दा है. तत्कालीन सरकार ने मालिकाना के नाम पर जो कानूनी रूप अख्तियार किया, जनता ने उसे नकार दिया और उक्त योजना फेल हो गई.

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