Prayagraj. महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति बनने से कई लोगों के घायल होने की सूचना है. 14 लोगों की मौत की सूचना है. वहीं इस घटना के बाद सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान नहीं करने का निर्णय किया है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुंभ मेले की स्थिति को लेकर बात की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और अब तक आदित्यनाथ से दो बार बात कर चुके हैं.
एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले में स्थिति के बारे में योगी जी से बात की, घटनाक्रम की समीक्षा की और तत्काल सहायता उपाय करने को कहा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर श्रद्धालुओं से अपील की कि जो लोग मां गंगा के जिस घाट के समीप हैं, वे वहीं स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने का प्रयास ना करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रद्धालु प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें. मेले के लिए विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने पत्रकारों को बताया कि संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं और उनका अभी इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि किसी की भी स्थिति गंभीर नहीं है. घायलों को मेला क्षेत्र में स्थापित अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां कई घायलों के रिश्तेदार भी पहुंच गए हैं. इस बीच, अमृत स्नान करने पहुंचा प्रथम अखाड़ा महानिर्वाणी बिना स्नान किए लौट गया.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने पत्रकारों को बताया, ‘अखाड़ा परिषद ने आज की घटना को देखते हुए यह निर्णय किया कि आज हम सभी अखाड़े अमृत स्नान नहीं करेंगे. अस्पताल के बाहर रोते हुए सरोजनी नामक महिला ने बताया, “दो बसों में हमारा 60 लोगों का बैच आया है. हम समूह में नौ लोग थे कि अचानक धक्का मुक्की हुई और कई लोग गिर गए. हम फंस गए और भीड़ बेकाबू हो गयी.उन्होंने कहा, “बचने का कोई मौका नहीं था क्योंकि सभी तरफ से धक्का दिया जा रहा था.
महंत रवींद्र पुरी ने पत्रकारों को बताया, “सभी संत महात्माओं के लिए सिंहासन लगा था और नागा संन्यासियों सहित सभी संत महात्मा स्नान के लिए तैयार थे. जब हमें सुनने में आया कि कोई घटना घटी है, तब हमने जनहित में यह निर्णय किया कि हम आज मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करेंगे. उन्होंने बताया, “हमने मोबाइल में देखा कि ऐसा हादसा हुआ है. अधिकारियों से भी हमें इस बारे में पता चला। हमारे सभी अखाड़ों ने यह निर्णय किया है कि हम मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करेंगे.
महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “हमारा अगला स्नान बसंत पंचमी को होगा. आप देख रहे होंगे कि चारों दिशाओं से देश विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे हुए हैं. इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना बहुत बड़ी बात है. सभी साधु संतों को जनहित के लिए निर्णय लेना पड़ेगा। वहीं श्रद्धालु संयम बनाए रखें और जिन लोगों ने स्नान कर लिया है, वे अपने गंतव्यों को वापस लौटें. कुंभ मेले की परंपरा के मुताबिक, सन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े भव्य जुलूस के साथ संगम तट पर पहुंचकर एक तय क्रम में अमृत स्नान करते हैं जिसमें क्रम में पहले स्थान पर पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अमृत स्नान करता है.
इससे पूर्व, मेला प्रशासन ने मंगलवार को ही श्रद्धालुओं के लिए परामर्श जारी किया था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि सभी घाट संगम घाट हैं और वे जिस घाट पर पहुंच जाएं वहीं स्नान करें. उन्होंने श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने की अपील की. उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व मंगलवार को रात आठ बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जबकि इससे पूर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी.