Close Menu
Lahar ChakraLahar Chakra
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) YouTube Instagram
    Lahar ChakraLahar Chakra
    • Home
    • Jamshedpur
    • State
      • Jharkhand
      • Bihar
    • National
    • Politics
    • Crime
    • Elections
    • Automobile
    Lahar ChakraLahar Chakra
    Home»Breaking News»Supreme Court: सारंडा वन क्षेत्र को Wildlife Sanctuary घोषित करने के मामले में झारखंड सरकार को फिलहाल राहत, सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन का दिया वक्त
    Breaking News

    Supreme Court: सारंडा वन क्षेत्र को Wildlife Sanctuary घोषित करने के मामले में झारखंड सरकार को फिलहाल राहत, सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन का दिया वक्त

    News DeskBy News DeskOctober 8, 2025
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Email LinkedIn
    Follow Us
    Google News Flipboard
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Email

    New Delhi. सुप्रीम कोर्ट से सारंडा वन क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने के मामले में झारखंड सरकार को फिलहाल राहत मिल गई है. अदालत ने बुधवार को झारखंड सरकार को स्पष्ट कर दिया कि उसे पारिस्थितिक रूप से समृद्ध सारंडा वन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary)घोषित करने के संबंध में सात दिनों के भीतर निर्णय लेना चाहिए.यह मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा और सासंगदाबुरू वन क्षेत्रों को क्रमशः वन्यजीव अभयारण्य और संरक्षण रिजर्व के रूप में अधिसूचित करने के लंबित प्रस्ताव से संबंधित है.

    राज्य सरकार ने पहले अपने हलफनामे में कहा था कि उसने वन्यजीव अभयारण्य के रूप में 31,468.25 हेक्टेयर के मूल प्रस्ताव के मुकाबले 57,519.41 हेक्टेयर क्षेत्र को अधिसूचित करने का प्रस्ताव रखा है.
    प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 सितंबर को सारंडा वन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने में देरी के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी.

    पीठ ने झारखंड के मुख्य सचिव अविनाश कुमार को आठ अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बताने को कहा था कि राज्य सरकार ने वन्यजीव अभयारण्य को अधिसूचित क्यों नहीं किया है. बुधवार को झारखंड के शीर्ष अधिकारी पेश हुए और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के माध्यम से दलीलें पेश कीं. सिब्बल ने एक सप्ताह का समय मांगते हुए कहा कि इस बीच निर्णय लिया जाएगा. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि या तो आप ऐसा करें या हम रिट जारी करके ऐसा करेंगे. उन्होंने साथ ही कहा कि वह राज्य सरकार को 31,468.25 हेक्टेयर क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने का अवसर दे रहे हैं.
    पीठ ने कहा कि हमें किसी को जेल भेजने में कोई दिलचस्पी नहीं है. इस बीच, पीठ ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) को राष्ट्रीय हित में अपनी मौजूदा खदानों से लौह अयस्क का खनन जारी रखने की अनुमति दे दी, जो प्रस्तावित वन्यजीव अभयारण्य के निकट हैं. सेल की ओर से पैरवी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कर रहे हैं.पीठ ने स्पष्ट किया कि सेल सहित अन्य कम्पनियों द्वारा खनन चालू खदानों से या उन खदानों से किया जा सकता है जिनके लिए पहले पट्टे दिए जा चुके हैं.

    Railway: ट्रेन पर ‘ऑन-बोर्ड’ अटेंडेंट, हाउसकीपिंग स्टाफ और संविदाकर्मियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन, रेलवे बोर्ड ने जारी किया निर्देश

    सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सेल ‘चंद्रयान’ जैसे मिशनों और राष्ट्रीय महत्व की अन्य परियोजनाओं को इस्पात उपलब्ध कराता है और अधिकांश लौह अयस्क प्रस्तावित वन्यजीव अभयारण्य के पास की खदानों से आते हैं. पीठ ने राज्य और अन्य प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस क्षेत्र में खनन के लिए कोई नया पट्टा न दें. आरंभ में सिब्बल ने राज्य सरकार की स्थिति और वन्यजीव अभयारण्य को अधिसूचित करने में देरी के कारणों को स्पष्ट करने का प्रयास किया.

    उन्होंने कहा कि वन्यजीव अभयारण्य घोषित किए जाने वाले कुल क्षेत्रफल के संबंध में भ्रम की स्थिति राज्य प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान के बीच आंतरिक संवाद के कारण उत्पन्न हुई. न्यायमित्र के रूप में पीठ की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के. परमेश्वर ने कहा कि राज्य ने 31,468.25 हेक्टेयर के मूल प्रस्ताव के विपरीत 57,519.41 हेक्टेयर भूमि को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने का कार्य किया है. पीठ ने कहा कि कम से कम 31,468.25 हेक्टेयर क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने में कोई भ्रम या परेशानी नहीं है. पीठ मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को करेगी.

    N Chandrashekhran: टाटा संस के चेयरमैन चंद्रशेखरन ने Tata Motors CV के शेयर बाजार में लिस्टिंग को बताया ‘निर्णायक क्षण’, जानें कंपनी को लेकर क्या कहा?

    WhatsApp Channel Join Now
    Telegram Group Join Now
    Supreme Court gives 7 days time Supreme Court: Jharkhand government gets relief for now in the matter of declaring Saranda forest area as Wildlife Sanctuary Supreme Court: सारंडा वन क्षेत्र को Wildlife Sanctuary घोषित करने के मामले में झारखंड सरकार को फिलहाल राहत सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन का दिया वक्त
    Share. Facebook Twitter WhatsApp LinkedIn Telegram Email Copy Link
    News Desk

    Related Posts

    Railway: ट्रेन पर ‘ऑन-बोर्ड’ अटेंडेंट, हाउसकीपिंग स्टाफ और संविदाकर्मियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन, रेलवे बोर्ड ने जारी किया निर्देश

    November 13, 2025

    N Chandrashekhran: टाटा संस के चेयरमैन चंद्रशेखरन ने Tata Motors CV के शेयर बाजार में लिस्टिंग को बताया ‘निर्णायक क्षण’, जानें कंपनी को लेकर क्या कहा?

    November 13, 2025

    Share Bazar: शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव का रुख; Tata Motor CV नुकसान में, लाभ में चल रहे Tata Steel के शेयर

    November 13, 2025
    Recent Post

    Railway: ट्रेन पर ‘ऑन-बोर्ड’ अटेंडेंट, हाउसकीपिंग स्टाफ और संविदाकर्मियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन, रेलवे बोर्ड ने जारी किया निर्देश

    November 13, 2025

    N Chandrashekhran: टाटा संस के चेयरमैन चंद्रशेखरन ने Tata Motors CV के शेयर बाजार में लिस्टिंग को बताया ‘निर्णायक क्षण’, जानें कंपनी को लेकर क्या कहा?

    November 13, 2025

    Share Bazar: शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव का रुख; Tata Motor CV नुकसान में, लाभ में चल रहे Tata Steel के शेयर

    November 13, 2025

    Ghatsila By Election: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव का विजेता कौन? फैसला कल; सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू, 15 टेबल पर 20 राउंड में गिने जाएंगे मत

    November 13, 2025

    Central Cabinet: केंद्र सरकार ने लाल किले के पास हुए विस्फोट को ‘आतंकवादी घटना’ बताया, केंद्रीय कैबिनेट में प्रस्ताव पारित, ‘पेशेवर तरीके’ से जांच के निर्देश

    November 13, 2025
    Advertisement
    © 2025 Lahar Chakra. Designed by Forever Infotech.
    • Privacy Policy
    • Terms
    • Accessibility

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Join Laharchakra Group