कोलकाता. पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को कोलकाता में एक विशाल रैली निकाली, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम के इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग की गई. यह विरोध प्रदर्शन मेदिनीपुर अस्पताल में कथित तौर पर एक्सपायर्ड आईवी फ्लूइड के उपयोग से एक प्रसूता की मौत और चार अन्य महिलाओं की गंभीर स्थिति को लेकर किया गया.
मेदिनीपुर अस्पताल में एक्सपायर्ड आईवी फ्लूइड के इस्तेमाल की खबर ने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस घटना के बाद राज्य सरकार की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं.
इस रैली का नेतृत्व शुभेंदु अधिकारी ने किया. उनके साथ भाजपा की प्रदेश महासचिव और विधायक अग्निमित्रा पॉल सहित हजारों भाजपा समर्थक शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने सलाइन की बोतलों के प्रतीकात्मक मॉडल हाथ में लेकर नारे लगाए.
यह रैली कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लानेड तक जाने वाली थी, लेकिन पुलिस ने इसे रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सीआर एवेन्यू स्थित मोहम्मद अली पार्क के पास रैली की.
शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सचिव को इस त्रासदी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. यह घटना राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति का संकेत है. उन्होंने डॉक्टरों को दोषी ठहराने की कोशिश करने के लिए सरकार की आलोचना की.
पुलिस की पाबंदियों के बावजूद रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. शुभेंदु अधिकारी ने सरकार पर रैली को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस के सामने उठाएंगे. उन्होंने ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग दोहराते हुए इसे बंगाल की स्वास्थ्य व्यवस्था में खामी का एक और उदाहरण बताया.
सलाइन कांड : मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के दो वरिष्ठ चिकित्सकों से सीआईडी मुख्यालय में पूछताछ
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में सलाइन कांड से जुड़ी जांच में अब दो वरिष्ठ चिकित्सकों से पूछताछ की जा रही है. पश्चिम बंगाल की सीआईडी ने शुक्रवार को मेदिनीपुर मेडिकल के दो वरिष्ठ डॉक्टरों को समन भेजकर कोलकाता स्थित भवानी भवन में बुलाया. इन चिकित्सकों से घटना के विभिन्न पहलुओं को लेकर पूछताछ की जा रही है.
सीआईडी ने मेदिनीपुर मेडिकल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. हिमाद्री नायक और डॉ. दिलीप पाल को तलब किया था. आरोप है कि घटना वाले दिन इन दोनों डॉक्टरों की ड्यूटी निर्धारित थी, लेकिन वे अस्पताल में मौजूद नहीं थे. सीआईडी इस बात की जांच कर रही है कि उस दिन उनकी अनुपस्थिति का क्या कारण था और क्या इससे घटना पर कोई प्रभाव पड़ा.
सात जनवरी 2025 को मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में प्रसव के बाद पांच प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया. आरोप है कि खराब गुणवत्ता वाले सलाइन के कारण उनकी हालत खराब हुई. इनमें से एक प्रसूता की मौत हो गई. इस घटना ने राज्य भर में हड़कंप मचा दिया, जिसके बाद राज्य सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिए.
सीआईडी की टीम ने कई बार मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज का दौरा कर जूनियर डॉक्टरों, वरिष्ठ चिकित्सकों, नर्सों, अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट, प्रिंसिपल और अन्य विभागाध्यक्षों से पूछताछ की है. संदिग्ध सलाइन और अन्य दवाओं के नमूने भी जांच के लिए एकत्र किए गए हैं. अब दो वरिष्ठ डॉक्टरों से भवानी भवन में पूछताछ की जा रही है.
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के 12 डॉक्टरों को निलंबित करने की घोषणा की थी. इनमें अस्पताल के आरएमओ और सुपरिंटेंडेंट भी शामिल थे. बाद में एक जूनियर डॉक्टर को भी निलंबित किया गया. इन सभी के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज की गई, जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की.