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करदाता को आयकर सर्च के दौरान दिए गए बयान को वापस लेने का अधिकार है

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स की बैठक में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के पूर्व सदस्य ने दी जानकारी

कोलकाता. आयकर सर्च के मामले में आम तौर पर करदाता का बयान दर्ज किया जाता है. ऐसे बयान देते समय करदाता को उचित विवरण नहीं पता होता है या उस पर अतिरिक्त आय घोषित करने का दबाव हो सकता है. आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के पूर्व सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने ज़ूम पर ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में बयान वापस लिया जा सकता है. बैठक की अध्यक्षता करते हुए एआईएफटीपी के अध्यक्ष एडवोकेट नारायण जैन ने सलाह दी कि सर्च पूरी होने के तुरंत बाद शपथ पत्र (एफिडेविट) द्वारा अपना बयान वापस लेना चाहिए. अप्रैल 2015 से वेल्थ टैक्स ख़त्म कर दिया गया है इसलिए यह साबित करना मुश्किल है कि आभूषण के आइटम घोषित हैं या नहीं. उनका मानना ​​था कि सुविधा और पारदर्शिता के लिए वेल्थ टैक्स रिटर्न को दोबारा शुरू किया जाना चाहिए.

डॉ. राकेश गुप्ता ने सर्च में मिली नकदी, आभूषण और अन्य कीमती वस्तुओं की व्याख्या कैसे की जाए; खोज के दौरान करदाताओं के अधिकार, खोज और सर्वेक्षण में दर्ज किए गए बयान का साक्ष्य मूल्य, बयान दर्ज करते समय सावधानियां. प्रत्यक्ष कर समिति के अध्यक्ष वी. पी. गुप्ता ने वेबिनार का अच्छा संचालन किया और महासचिव एडवोकेट आर.डी. काकरा ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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