NEWS DELHI. आरएसएस ने सोमवार को कहा कि जाति आधारित जनगणना समाज के कल्याण के लिए जरूरी है, लेकिन इसे चुनावों में राजनीतिक हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए. आरएसएस के के समापन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि हमारे हिंदू समाज में जाति बहुत संवेदनशील मुद्दा है. जनगणना हमारी राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अहम है. इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, न कि चुनाव और राजनीति को ध्यान में रखकर. किसी जाति या समुदाय की भलाई के लिए भी सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है. ऐसा पहले भी हो चुका है, लेकिन इसे सिर्फ समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए. यह चुनाव में राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
गौरतलब है कि केरल के पलक्कड़ में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और छह संयुक्त महासचिवों की मौजूदगी में शनिवार को संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक शुरू हुई थी. बैठक के अंतिम दिन कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर, यूसीसी पर भी चर्चा हुई.आरएसएस ने पश्चिम बंगाल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना की निंदा की. संघ ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया गया. आंबेकर ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) मॉडल पहले से ही जनता के बीच है. उत्तराखंड में यूसीसी को अपनाने से पहले उन्होंने इसे पब्लिक डोमेन में रखा था. इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें दो लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए और उन्होंने इस पर चर्चा की. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने बताया कि बैठक के दौरान कई संगठनों ने बांग्लादेश के हालात पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की है. बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के बारे में हर कोई चिंतित है.