New Delhi. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए बैटरी और चार्जिंग सेवाओं पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को कम करने की जरूरत है. उद्योग मंडल फिक्की की इलेक्ट्रिक वाहन समिति की चेयरपर्सन सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने मंगलवार को यह बात कही. उन्होंने यहां ईवी पर फिक्की के राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर बिजलीचालित वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ई-ड्राइव कोष को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया. मोटवानी ने कहा, ‘हम ईवी से संबंधित क्षेत्रों पर जीएसटी कराधान को युक्तिसंगत बनाने के लिए जीएसटी परिषद से सिफारिश करेंगे.’ उन्होंने मांगों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘फिलहाल चार्जिंग सेवाओं पर जीएसटी 18 प्रतिशत है, हम इसे घटाकर पांच प्रतिशत करने का अनुरोध करेंगे, ताकि उपभोक्ताओं के लिए चार्जिंग अधिक किफायती हो जाए.’ उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि बैटरी पर भी जीएसटी दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए. मोटवानी काइनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पावर सॉल्यूशंस की संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भी हैं.
उन्होंने कहा, ‘ईवी पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि बैटरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी है. इसलिए अनुरोध है कि इसे घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए, ताकि जब उपभोक्ता बैटरी बदले तो यह अधिक किफायती हो.’ उन्होंने कहा कि जीएसटी पर इन दो सुधारों से ईवी को उपभोक्ताओं के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में बहुत मदद मिलेगी. मोटवानी ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना का स्वागत करते हुए कहा कि बढ़ती मांग के साथ प्रोत्साहन राशि की समीक्षा करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि चूंकि मांग बढ़ रही है, इसलिए शायद प्रोत्साहन राशि की समीक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री ई-ड्राइव में काफी संभावनाएं हैं और यह इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होगी.’ सरकार ने इस साल अक्टूबर में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ाने, चार्जिंग अवसंरचना की स्थापना और भारत में ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना शुरू की थी. यह योजना एक अक्टूबर, 2024 से 31 मार्च, 2026 तक लागू की जाएगी. मोटवानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि ईवी को प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण का हिस्सा होना चाहिए. फिक्की के अध्यक्ष और महिंद्रा समूह के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अनीश शाह ने कहा कि इस समय भारत में इलेक्ट्रिक चारपहिया वाहनों की पहुंच सिर्फ 1.5 प्रतिशत है, और इस दिशा में बहुत काम करने की जरूरत है.