- पीएलएफआइ संगठन के चार समर्थकों की पहचान ग्रामीणों ने की. इसके बाद ग्रामीण दो समर्थकों को पकड़ कर जंगल की ओर ले गये. अबतक दोनों वापस नहीं लौटे, हत्या की आशंका
Chaibasa. पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी में पीएलएफआइ के दो उग्रवादियों की हत्या के बाद अबतक शव बरामद नहीं हो पाया है. इस बीच, सोमवार को दो और लोगों की हत्या की चर्चा है. दरअसल, सेंदरा अभियान में शामिल ग्रामीणों ने सोमवार को बैठक की. यहां पीएलएफआइ संगठन के चार समर्थकों की पहचान ग्रामीणों ने की. इसके बाद ग्रामीण दो समर्थकों को पकड़ कर जंगल की ओर ले गये. अबतक दोनों वापस नहीं लौटे हैं. चर्चा है कि जनसभा में दो की पहचान उग्रवादियों के रूप में की गयी. आशंका है कि दोनों की हत्या कर दी गयी है. इसके साथ दो अन्य समर्थकों की तलाश ग्रामीण कर रहे हैं.
हालांकि, पुलिस ने ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इंकार किया है. बताया जाता है कि रोजाना दिन में ग्रामीण गुप्त स्थानों पर बैठक कर रणनीति बना रहे हैं. घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा है. लगभग 30 गांवों के लोग सेंदरा अभियान चला रहे हैं. डीसी के निर्देश पर एसपी अभियान पारस राणा व एसडीपीओ नलिन कुमार मरांडी फिलहाल गुदड़ी मुख्यालय में रुक गये हैं. बताया जाता है कि दोनों पुलिस अधिकारियों को गुदड़ी में हालात का जायजा व मामले की छानबीन के लिए रोका गया है. डीसी ने गुदड़ी में एसडीपीओ को क्षेत्र में हो रही किसी भी तरह की घटना पर पैनी नजर रखते हुए चौकस रहने को कहा है.
हालात जानने पहुंचे थे जिले के DC और SP
नक्सलियों की लगातार हो रही हत्या के बाद मंगलवार की सुबह पश्चिमी सिंहभूम के डीसी कुलदीप चौधरी, एसपी आशुतोष शेखर गुदड़ी पहुंचे. यहां प्रखंड सभागार में क्षेत्र के ग्रामीण मुंडा व अन्य लोगों के साथ बैठक कर जानकारी ली. लेकिन हत्या की वजह नहीं जान सके. क्योंकि कोई भी ग्रामीण बोलने को तैयार नहीं था. पीएलएफआई उग्रवादियों की हत्या के मामले में एसपी ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा दोनों के शव बरामदगी के लिए पुलिस छानबीन की जा रही है.
गुदड़ी के रास्ते पर पत्थर रख बंद कर दी गयी थी सड़क, हटाया तो आगे बढ़ा अधिकारियों का काफिला
गुदड़ी जाने के समय डीसी, एसपी समेत अन्य पदाधिकारी का काफीला जाते के पास अचानक रुक गया. अज्ञात के द्वारा सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर रख कर सड़क को बंद करने की कोशिश की गई थी. हालांकि, काफी ले आगे-आगे जा रही पुलिस के द्वारा सड़क पर रखे पत्थर को हटाया गया. जिसके बाद पदाधिकारियों का काफीला आगे बढ़ा.