रांची : प्रथम एशिया पारा थ्रो बॉल प्रतियोगिता का आयोजन 28 से 30 मार्च तक कंबोडिया की राजधानी नोमपेन्ह में किया जाएगा. इस इवेंट के लिए झारखंड के 12 खिलाड़ियों का चयन किया गया है. वहीं मुकेश कंचन टीम के कप्तान होंगे. इसे लेकर शनिवार को पैरालंपिक एसोसिएशन ऑफ झारखंड ने मोरहाबादी स्थित होटल ट्रोइका में एक प्रेस कांफ्रेंस कर इवेंट की जानकारी दी.

बताया गया कि इस प्रतियोगिता का आयोजन वर्ल्ड पारा थ्रो बॉल फेडरेशन और पारा थ्रो बॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से किया जाएगा. भारतीय टीम इस प्रतियोगिता में भाग लेगी, जिसका नेतृत्व पारा थ्रो बॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार अल्बर्ट करेंगे. 20 मार्च को कोलेज इरोज तमिलनाडु कोचिंग के लिए पूरी टीम जाएगी. इसके बाद इवेंट के लिए टीम को रवाना किया जाएगा.
कप्तान मुकेश कंचन ने बताया कि यह हमारे लिए और झारखंड के लिए गर्व की बात है. इस प्रतियोगिता में झारखंड से कुल 12 खिलाड़ी चयनित हुए हैं. इस टीम में सात महिला खिलाड़ी और पांच पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं. महिला वर्ग में प्रतिमा तिर्की, महिमा उरांव, अनीता तिर्की, संजुक्ता एक्का, असुंता टोप्पो, पुष्पा मिंज, तारामणी लकड़ा और पुरुष वर्ग में मुकेश कंचन (कप्तान), सनोज महतो, पवन लकड़ा, राजेश कुमार मेहता और मुकेश कुमार का चयन हुआ है.
पैरालिंपिक एसोसिएशन ऑफ झारखंड की सचिव सरिता सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि यह झारखंड के लिए गर्व का पल है. राज्य के इतने बड़े संख्या में खिलाड़ी इस एशिया पारा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए चयनित हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि राज्य के समग्र विकास के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है. एसोसिएशन के संरक्षक डॉ. प्रणव कुमार ने कहा कि झारखंड से 12 खिलाड़ियों का चयन दिव्यांग समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. यह राज्य के लिए गौरव की बात है और इससे दिव्यांग खिलाड़ियों को और प्रोत्साहन मिलेगा. एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल अग्रवाल ने कहा कि राज्य में सामान्य खिलाड़ियों की तरह दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए भी विशेष खेल मैदान बनाए जाएं, ताकि वे अपने खेल का प्रदर्शन और बेहतर तरीके से कर सकें.
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पतरस तिर्की ने कहा कि झारखंड के पारा खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से सहयोग की आवश्यकता है. सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए, ताकि वे अपनी खेल यात्रा को जारी रख सकें. और आने वाले प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. टीम के कप्तान मुकेश कंचन ने कहा कि झारखंड के पारा थ्रो बॉल खिलाड़ी कठिन परिस्थितियों में अपना खेल खेलते हुए मानसिक रूप से बहुत मजबूत हो गए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अन्य देशों में पारा थ्रो बॉल खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं की तुलना में भारतीय खिलाड़ियों को कम सुविधाएं मिलती हैं. लेकिन, इसके बावजूद उन्होंने अपनी कमी को ताकत में बदल दिया है. उनका लक्ष्य इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतना है. इसके लिए वे पूरी मेहनत कर रहे हैं.
