Jamshedpur. चांडिल डैम से 2000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इस पानी से मोहरदा जलापूर्ति योजना के इंटकवेल में जमा कचरे को साफ किया जा सकेगा. चांडिल डैम के कार्यकारी अभियंता संजय सिंह ने बताया कि सरयू राय के विशेष आग्रह पर पांच गेटों से पानी खोला गया है. उम्मीद की जाती है कि 2000 क्यूसेक पानी के प्रेशर से कचरा साफ हो जायेगा और लोगों को फिर से मोहरदा से पेयजल मिलने लगेगा. उन्होंने बताया कि चार रेडियल गेट और एक स्लूइस गेट खोला गया है.
विधायक ने जलापूर्ति परियोजना के गंदे पानी का रखा था मुद्दा
विधायक सरयू राय ने झारखंड विधानसभा में शून्य काल के दौरान मोहरदा जलापूर्ति परियोजना का मामला रखा. दरअसल, यहां से पिछले चार दिनों से जलापूर्ति ठप है. विधायक ने सदन में स्पीकर के माध्यम से बताया कि जमशेदपुर के लोगों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए जो पानी चांडिल डैम से सुवर्णरेखा नदी में गिराया जाता है, वही पानी चांडिल डैम से डिमना लेक में गिराया जाये और उसे पीने के लिए आपूर्ति की जाये. नदी से खींचा जाने वाला पानी का उपयोग उद्योग चलाने में किया जाये. उन्होंने कहा कि सुवर्णरेखा नदी का जल प्रदूषित होने के कारण मोहरदा पेयजल परियोजना के इंटेक वेल में कचरा भर गया है, जिसके कारण नदी से पानी खींचना और उसे शुद्ध कर पीने लायक बनाना संभव नहीं रह गया है. नतीजा है कि करीब 50 हजार की आबादी को चार दिनों से पीने का पानी नहीं मिल रहा है. यह स्थिति हर साल बरसात के समय होती है.