New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस सप्ताह इटली जाने वाले हैं. जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली के अपुलिया क्षेत्र में लग्जरी रिजॉर्ट बोरगो एग्नाजिया में 13 से 15 जून तक किया जाना है. बैठक में, यूक्रेन में युद्ध और गाजा संघर्ष का जोर-शोर से उठाये जाने की संभावना है. जी7 विश्व की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं.
शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष नेताओं में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शामिल हैं. यूक्रेन में रूस के आक्रमण पर एक सत्र में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के भी भाग लेने का कार्यक्रम है.
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी 13 जून को इस यूरोपीय देश के लिए रवाना होंगे. लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए कार्यभार संभालने के बाद यह उनका पहला विदेश दौरा होगा. हालांकि, प्रधानमंत्री के इटली दौरे की अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.सूत्रों ने बताया कि मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी होगा जिनमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के भी शामिल रहने की संभावना है. मोदी अपने दौरे पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बैठक सहित कई द्विपक्षीय बैठकें भी करने वाले हैं. प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल मई में जापान के हिरोशिमा में हुए जी7 शिखर सम्मेलन में भी शामिल हुए थे.
दरअसल, इटली जी7 का मौजूदा अध्यक्ष है और इस नाते यह इसकी शिखर बैठक की मेजबानी कर रहा है. इटली ने भारत के अलावा, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि, यूरोपीय संघ जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.