वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का झारखंड में प्रदर्शन निराशाजनक होने के पीछे संगठन में आपसी गुटबाजी बताया जा रहा है l
ज्ञात हो कि भाजपा का वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के अपेक्षा 2024 का चुनाव परिणाम निराशाजनक रहाl
लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा आलाकमान का किया गया सारा प्रयोग टाय- टाए फिस साबित हुआl यहां के नेता आपस में सिर- फुटवल कर चुनाव परिणाम को तहस-नहस करने में सफल रहे हैंl
ऐसे में झारखंड में इसी वर्ष होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के केंद्रीय आलाकमान ने झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा को जिम्मेदारी सौंपी हैl
भाजपा के लिए झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनाना आसान नहीं है, क्योंकि वर्ष 2024 के चुनाव में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा सहित कई बड़े राजनेता चुनाव हार गए हैंl इस लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुल 8 सांसद ही निर्वाचित हो पाए हैंl
इस लोकसभा चुनाव में एस.टी. वर्ग के लिए आरक्षित सभी पांच आदिवासी सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा हैl
लोकसभा चुनाव परिणाम के संदर्भ में इसे इस प्रकार समझे कि झारखंड विधानसभा में एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कुल 28 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा 25 विधानसभा क्षेत्र पर पिछड़ गई थीl
भाजपा के लिए गैर-आदिवासी वोटरों को अपने पक्ष में मोड़ना भी काम चुनौती वाला टास्क नहीं है l पार्टी के अंदर बाहरी-भीतरी,जात-पात के बिंदु पर घमासान मचा हुआ हैl
भाजपा के पूर्व सांसद करिया मुंडा ने आदिवासियों के लिए आरक्षित पांचो लोकसभा सीट पर मिली हार पर भाजपा सुप्रीमो को पत्र सौंपा है l
दुमका से भाजपा प्रत्याशी रही सीता सोरेन ने अपनी हार के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी एवं रणधीर सिंह को दोषी ठहराया है l
विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश भाजपा में गुटबाजी एवं आपसी सिर-फुटवल को भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व एकजुट करने में कितना सफल होता है यह भविष्य के गर्त में है l
Kumar Manish,9852225588