RANCHI. इटकी रेलवे स्टेशन स्थित रेलवे फाटक को बंद कराने पहुंचे रेलवे अधिकारियों को गुरुवार को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों के विरोध के बाद अधिकारियों को फाटक बंद कराये बगैर वापस लौटना पड़ा. बताया जाता है कि रेलवे के सीनियर सेक्शन अभियंता गणेश प्रसाद और आरपीएफ के एसआइ सूरज पांडे दल-बल के साथ गुरुवार को इटकी रेलवे स्टेशन में बने रेलवे फाटक को बंद कराने पहुंचे थे.
इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीण गोलबंद हो गये और फाटक के पास पहुंच गये. सभी लोग रेलवे फाटक को बंद कराने की कार्यवाही को गलत बता रहे थे. इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष व स्कूली छात्र-छात्राएं भी शामिल थे. इस दौरान इटकी-ब्राम्बे मार्ग को दो घंटे तक जाम कर दिया गया. इधर, घटना की सूचना मिलते ही बीडीओ शशि नीलिमा डुंगडुंग वहां पहुंचीं और ग्रामीणों को समझाने के बाद मामला शांत कराया. वहीं अधिकारियों से वार्ता के बाद आगे की करवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुये.
क्यों कर रहे हैं ग्रामीण विरोध
ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे विभाग की ओर से बनायी गयी आरयूबी बड़े वाहनों के आवागमन के अनुरूप नहीं है. बरसात के दिनों में आरयूबी पर दो फीट तक पानी जम जाता है. इस कारण राहगीरों और स्कूली छात्र-छात्राओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों के अनुसार इटकी-ब्रांबे मार्ग पर सभी तरह के वाहनों का परिचालन होता है. बड़ा वाहन अक्सर आरयूबी में फंस जाता है, जिससे घंटो सड़क बाधित हो जाता है.
डीआरएम से हुई थी वार्ता
ज्ञात हो कि 04 दिसंबर-2023 को पूर्व विधायक बंधु तिर्की के अगुवाई में इटकी के ग्रामीणों ने फ्लाइओवर (आरओबी) की मांग को लेकर डीआरएम के साथ बैठक की थी. डीआरएम से हुई वार्ता में आमजनों की सुविधा के अनुसार रेलवे ने कार्य करने का आश्वासन दिया था.