- उलदा में आदिवासी श्मशान भूमि से छेड़छाड़ और अतिक्रमण से भूमिज समाज में आक्रोश:
गालूडीह. गालूडीह थाना क्षेत्र के उलदा रेलवे फाटक के पास श्मशान भूमि से छेड़छाड़ और मिट्टी डाल कर अतिक्रमण करने से उलदा के भूमिज समाज में आक्रोश हैं. कई दिनों यह मामला गरमाया हुआ है. गुरुवार को उलदा के ग्रामीण फिर श्मशान भूमि पहुंचे. ग्रामीणों ने बताया कि गालूडीह निवासी रंजीत माहुरी द्वारा श्मशान भूमि पर मिट्टी डालकर ढेर बना दिया गया है. मामले को लेकर थाना में शिकायत की गयी थी. पुलिस भी शमशान भूमि स्थल पर पहुंची थी. 16 जून को उलदा के ग्राम प्रधान छोटू सिंह की अध्यक्षता में बैठक भी की गयी.
बैठक में रंजीत माहुरी को श्मशान भूमि से मिट्टी हटाने को कहा गया था. लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी उन्होंने श्मशान भूमि से मिट्टी को नहीं हटाया. वहीं, सूचना पर जिला परिषद सदस्य सुभाष सिंह और भाजपा नेता मुचीराम गिरी भी श्मशान भूमि पर पहुंचे. ग्रामीणों ने रंजीत माहुरी पर श्मशान भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने कहा कि रंजीत माहुरी जमीन समतलीकरण के दौरान श्मशान भूमि पर मिट्टी का पहाड़ बना दिया है. आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है.
हमारे सामाजिक रीति-रिवाजों का उल्लंघन किया गया है. ग्रामीणों ने शमशान भूमि शुद्धिकरण के लिए दोषी पर जुर्माना लगाया. 16 हजार रुपये और एक पाठा पर सहमति बनी. रंजीत मोहुरी ने कहा कि शमशान के पास उनके नाम पर 30 डिसमिल जमीन है. मुझे श्मशान की जानकारी नहीं थी. इसके बाद जिला परिषद सदस्य सुभाष सिंह की उपस्थिति में 16 हजार रुपये सहित पाठा पूजा की सामग्री पर सहमति बनी. साथ ही मिट्टी हटाने में रंजीत माहुरी ने सहमति जतायी. इसके बाद मामला शांत हुआ.