- अखिलेश सिंह और परमजीत गैंग में काम कर चुका था कार्तिक मुंडा, जमशेदपुर से था तड़ीपार
Jamshedpur. जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां जिले का मोस्टवांटेड कुख्यात अपराधी कार्तिक मुंडा की शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थिति में टीएमएच में मौत हो गयी है. उसका शव फिलहाल शीत गृह में रखा गया है. कार्तिक मुंडा के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसकी हत्या की है. मृतक के भाई अशोक मुंडा ने कहा है कि सुबह पुलिस कार्तिक मुंडा के सोनारी स्थित आवास में छापेमारी करने पहुंची थी. पुलिस को देख कार्तिक मुंडा भागने लगा. पुलिस ने खदेड़कर उसे पकड़ लिया.भागने की कोशिश में वह घायल भी हो गया था. बाद में परिजन जब खोजबीन करते-करते थाना पहुंचे, तो पता चला कार्तिक को टीएमएच में ले जाया गया है. सभी लोग वहां से अस्पताल पहुंचे. यहां पर बताया गया कि कार्तिक की मौत हो चुकी है.
कई मामलों में वांछित था, पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा
वह मामलों में वांछित था. दरअसल, कार्तिक मुंडा के खिलाफ सरायकेला-खरसावां और जमशेदपुर से गिरफ्तारी का वारंट निकला हुआ था. की देर रात पुलिस को सूचना मिली थी कि वह सोनारी के संगम बिहार के मित्तल अपार्टमेंट छिपा है. इस सूचना पर जमशेदपुर और सरायकेला पुलिस ने घेराबंदी कर संयुक्त रूप से अपार्टमेंट में छापेमारी की और कार्तिक मुंडा को गिरफ्तार कर लिया. कार्तिक मुंडा यहां परिवार के साथ रह रहा था.
जमशेदपुर से था तड़ीपार
कार्तिक मुंडा जमशेदपुर से तड़ीपार था. उसकी तलाश पुलिस कई सालों से कर रही थी. उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाने से सरायकेला और जमशेदपुर की पुलिस खासा परेशान थी. इस बारे में पुलिस कुछ भी बताने से कतरा रही है. कार्तिक मुंडा कभी अखिलेश सिंह और परमजीत सिंह गैंग में भी काम कर चुका था. पहले अखिलेश सिंह के गैंग में था, लेकिन उससे उसकी किसी बात को लेकर कहा-सुनी हो गयी थी. इसके बाद वह परमजीत सिंह के गैंग में शामिल हो गया था. परमजीत सिंह की हत्या घाघीडीह जेल में कर दी गई थी. इस मामले में कार्तिक मुंडा गवाह भी बना था.