- डीवीसी के कुल नौ तापीय और पनबिजली संयंत्रों में से पांच झारखंड में, बाकी पश्चिम बंगाल में हैं
कोलकाता. देश की पहली बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को कंपनी का रूप दिया जाएगा.इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए कंपनी को पारेषण, उत्पादन और वितरण क्षेत्र की इकाइयों में बांटा जाएगा. यहां डीवीसी मुख्यालय में एक समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने निगम की सराहना करते हुए इसके कारोबार को अलग किये जाने के काम में तेजी लाने को कहा. उन्होंने निदेशक मंडल से अपनी विस्तार योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने को लेकर आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) का रास्ता टटोलने का भी सुझाव दिया. डीवीसी के कुल नौ तापीय और पनबिजली संयंत्रों में से पांच झारखंड में और बाकी पश्चिम बंगाल में हैं।
पश्चिम बंगाल और झारखंड में एक एकीकृत प्रमुख बिजली कंपनी है डीवीसी
डीवीसी केंद्र के बिजली मंत्रालय के अधीन काम करती है. 1948 में स्थापित, डीवीसी पश्चिम बंगाल और झारखंड में एक एकीकृत प्रमुख बिजली कंपनी है. डीवीसी के चेयरमैन एस सुरेश कुमार ने समीक्षा बैठक के बाद पीटीआई-भाषा से कहा, ‘कंपनी रूप देने की योजना एजेंडा में थी, लेकिन मंत्री इस प्रक्रिया में तेजी लाना चाहते हैं. केंद्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकारों के बीच मौजूदा हिस्सेदारी बरकरार रहेगी. एक सूत्र ने कहा कि इस मामले में केंद्र और दोनों राज्यों की राय लगभग एक जैसी है.