नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक नीट-यूजी 2024 के केंद्र और शहर-वार परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया. न्यायालय ने कहा कि वह इस बात का पता लगाना चाहता है कि कथित रूप से दागी केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अन्य स्थानों के अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक अंक मिले हैं या नहीं.
पांच मई को हुई परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी के आरोपों का समाधान करने का प्रयास करते हुए प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसे नए सिरे से आयोजित करने का कोई भी आदेश इस ठोस निष्कर्ष पर आधारित होना चाहिए कि कथित लीक “व्यवस्थित” तरीके से हुआ और पूरी प्रक्रिया की शुचिता प्रभावित हुई है.
पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी.पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने अपने आदेश में कहा, “हम एनटीए को निर्देश देते हैं कि वह नीट-यूजी-2024 परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को प्रकाशित करे, लेकिन छात्रों की पहचान उजागर न करे। परिणाम 20 जुलाई 2024 को दोपहर 12 बजे तक शहर और केंद्रवार घोषित किया जाना चाहिए और एनटीए की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए.
पीठ ने कहा, हम चाहते हैं कि छात्रों की पहचान गुप्त रखी जाए. आप ‘डमी’ (छद्म) अनुक्रमांक रख सकते हैं. लेकिन हमें केंद्रवार देखना चाहिए कि अंकों का पैटर्न क्या है. शीर्ष अदालत प्रतिष्ठित परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोपों के मद्देनजर परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर 22 जुलाई को फिर से सुनवाई शुरू करेगी.
पीठ ने इस बात पर गौर किया कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने प्रस्तुत किया है कि यह उचित होगा कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा का परिणाम एनटीए की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए ताकि उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त केंद्रवार अंकों के संबंध में पारदर्शिता लाई जा सके. न्यायालय ने यह भी कहा कि सीबीआई द्वारा जांच का जिम्मा संभाले जाने से पहले बिहार पुलिस द्वारा एकत्र की गई सामग्री और उसकी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की रिपोर्ट 20 जुलाई को शाम पांच बजे तक अदालत में दाखिल की जाए.