Kolkata. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल के दो जिलों और बिहार के कुछ जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने तथा उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय का हिस्सा बनाने संबंधी कुछ भाजपा नेताओं की हालिया मांगों पर सोमवार को कड़ी आपत्ति जताते हुए केंद्र को सीधे चुनौती दी. विधानसभा में बोलते हुए ममता ने कहा कि केंद्र को जितनी ताकत लगानी है, लगा ले. वह किसी भी कीमत पर बंगाल का बंटवारा नहीं होने देंगी. भाजपा पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल के विभाजन का उसका सपना वह कभी साकार नहीं होने देंगी.
उन्होंने भाजपा नेताओं के प्रस्तावों का दृढ़ता से विरोध करते हुए स्पष्ट कहा कि बंगाल को विभाजित करने का कोई भी साहस नहीं कर सकता. राज्य में भूमि कटाव नियंत्रण और बाढ़ की रोकथाम से संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वह, उन्हें (भाजपा व केंद्र को) बंगाल को विभाजित करने की चुनौती देती हैं. उन्होंने कहा कि हम उन्हें दिखायेंगे कि इसका विरोध कैसे किया जाता है.बता दें कि ममता की यह टिप्पणी झारखंड से भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा हाल ही में की गयी टिप्पणी के मद्देनजर आयी है, जिसमें उन्होंने बिहार, झारखंड और बंगाल के कुछ जिलों को विभाजित कर एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी.
मुर्शिदाबाद से भाजपा विधायक गौरीशंकर घोष ने भी श्री दुबे की मांग का समर्थन किया था. इसके अलावा बंगाल भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय शिक्षा व पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उत्तर बंगाल के जिलों को पूर्वोत्तर मंत्रालय या परिषद में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था. बंगाल सरकार और तृणमूल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए शुभेंदु अधिकारी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता कह रहे हैं कि वह चाहिये, वह नहीं चाहिये. लोग उन्हें ही नहीं चाहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर सभी धर्म के लोग निवास करते हैं. वह कोई भेदभाव नहीं करती हैं.