New Delhi. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया और फिर इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव दिया. विपक्षी सदस्यों ने वक्फ विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है. कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है. उन्होंने सवाल किया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया. क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है. फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?
वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है. उन्होंने कहा, अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे. कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव के लिए लाया गया है, लेकिन देश की जनता अब इस तरह की विभाजन वाली राजनीति पसंद नहीं करती. वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे पर भी हमला है.
वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसे सिर्फ वक्फ संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता के लिए लाया गया है. जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है. यह कैसे मुसलमान विरोधी है?’
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मंदिरों की बात की है, लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है. ललन सिंह ने कहा कि मस्जिदों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. जद (यू) सांसद ने कहा, ‘वक्फ संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए यह संशोधन लाया जा रहा है.’