Sahibgunj. यह मामला साहिबगंज रेलवे स्टेशन का है. दरअसल, माता-पिता बीमार नवजात को लेकर इलाज के लिए साहिबगंज आये थे. उनके पास टिकट था, लेकिन नवजात के साथ मां पीछे रह गयी और पिता को पुलिस ने बिना टिकट पकड़ लिया. नवजात का इलाज समय पर नहीं हो पाया और उसकी माैत हो गयी. शनिवार सुबह बरौनी पैसेंजर ट्रेन आने के बाद रसूलपुर दहला निवासी सोनेलाल शाह और उनकी पत्नी नीलम देवी अपने दो दिन की मासूम बच्ची को लेकर इलाज कराने के लिए साहिबगंज पहुंचे थे. ट्रेन पहुंचते ही दोनों प्लेटफाॅर्म नंबर एक पर उतरे. नवजात के साथ नीलम थोड़ा पीछे रह गयी और सोनेलाल शाह आगे बढ़ गये. वह जैसे ही प्लेटफॉर्म से बाहर निकला, आरपीएफ के जवानों ने उसे यह कह कर पकड़ लिया कि आप रेलवे ट्रैक पार करके बाहर निकले हैं. उसे जुर्माना के लिए मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर खड़ा कर दिया. पीछे से नीलम भी पहुंच गयी. मजिस्ट्रेट के पास करीब दो घंटे तक फैसला नहीं हुआ. नीलम नवजात को गोद में लेकर बैठी रही और पति के छूटने का इंतजार करती रही. इसी बीच नवजात बच्ची ने मां की गोद में ही दम तोड़ दिया. आरपीएफ निरीक्षक क्रिस्टोफर किस्कू साहिबगंज पोस्ट ने कहा कि अभियान के तहत स्टेशन परिसर में रेल ट्रैक पार करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा था. हमारे जवानों ने रेलवे एक्ट के तहत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान पीड़ित परिवार ने नवजात के बीमार होने की बात नहीं बतायी. अगर पूरी जानकारी पीड़ित व्यक्ति द्वारा पहले दी जाती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. इस मामले की छानबीन की जा रही है.
मौत की खबर फैलते ही, बिना जुर्माना पति को छोड़ा
बच्ची की मौत की खबर साहिबगंज रेलवे स्टेशन परिसर में फैली, तो आसपास के लोग जमा हो गये और हंगामा शुरू कर दिया. इसी बीच घटना की जानकारी मिलने पर सोनेलाल को बिना जुर्माना लिए ही छोड़ दिया. हंगामा की खबर सुनकर नगर थानेदार अमित कुमार पुलिस अधिकारियों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां पर शांति व्यवस्था बहाल करने में लग गये. दंपती के परिजनों को अपने साथ आरपीएफ कार्यालय ले गये, जहां परिजनों से पूरी जानकारी ली. देर शाम परिजनों ने एक लिखित शिकायत दर्ज करायी, जिसमें आरपीएफ जवानों पर लापरवाही का आरोप लगाया और न्याय की मांग की है.
मां बोली- बेटी की मौत का जिम्मेवार कौन
मां नीलम देवी ने कहा- बच्ची के इलाज के लिए टिकट कटा कर पीरपैंती से साहिबगंज आये थे. हम दोनों पति-पत्नी का टिकट रहने के बावजूद आरपीएफ द्वारा पति को गिरफ्तार कर तीन घंटे से अधिक बैठा कर रखा गया. इस कारण नवजात का इलाज नहीं करा पाये और इलाज के अभाव में हमारी गोद में ही उसने दम तोड़ दिया. आखिर नवजात की मौत का जिम्मेवार कौन होगा, क्या हमें इंसाफ मिल भी पायेगा ? पिता सोनेलाल साह ने कहा-आखिर हमारा कुसूर क्या था. हमने तो यात्रा टिकट के साथ ही सफर किया था. फिर क्यों हमें बेवजह गिरफ्तार किया गया.