Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को झारखंड राज्य में लागू कराने के लिए बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. राज्य सरकार की ओर से रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए दो माह का समय देने का आग्रह किया गया, जिस पर खंडपीठ ने एक माह का समय प्रदान किया. कहा कि इस दाैरान जेजे बोर्ड, सीडब्ल्यूसी व राज्य बाल संरक्षण आयोग में जो भी पद रिक्त हैं, उसे भरा जाये.
साथ ही शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराया जाये. मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि जेजे बोर्ड, सीडब्ल्यूसी व राज्य बाल संरक्षण आयोग में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है. प्रक्रिया आगे बढ़ गयी है. कुछ पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है तथा कुछ के मामले में स्क्रूटनी का काम भी हो रहा है. पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी होने में और दो माह का समय लगने की संभावना है. सरकार ने दो माह का समय देने का आग्रह किया. पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि बाल अधिकार को लेकर बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.