Ranchi. भाजपा में शामिल होने के बाद लोबिन हेंब्रम पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे, जहां समर्थकों ने उनका स्वागत किया. लोबिन हेंब्रम ने कार्यकर्ताओं के साथ बाइक रैली भी निकाली. इस अवसर पर लोबिन ने कहा कि झामुमो अब गुरुजी की पार्टी नहीं रही. आज के झामुमो में वरीय नेताओं और आंदोलनकारियों का सम्मान नहीं है. पार्टी ने मुझे छह साल के लिए निकाल दिया, मेरी विधायकी छीन ली गयी. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा-पत्र में वादा किया था कि स्थानीय नीति बनेगी. पेसा कानून लागू करने का वादा किया था. 25 करोड़ रुपये तक की ठेकेदारी स्थानीय युवाओं को देने का वादा किया था.
सरकार गठन के छह माह में युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही थी. पर साढ़े चार साल बीत गये. पर कोई वादा पूरा नहीं हुआ. कहा कि हम केंद्र सरकार को खनिज संपदा पर 85 फीसदी रॉयल्टी देते हैं. बदले में हमें क्या मिला. पलायन, विस्थापन, भूख और गरीबी. उन्होंने कहा कि जब झारखंड बिहार एक राज्य था. तब भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे. उस समय उन्होंने झारखंड अलग राज्य आंदोलन को अच्छी तरह समझा कि आदिवासियों के लिए अलग राज्य बनना बहुत ही जरूरी है. तब मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने अलग राज्य प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा. उस समय माननीय दिसोम गुरु शिबू सोरेन के आंदोलन में हमलोग बहुत सक्रिय रहे. इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार से झारखंड अलग राज्य की जो मांग थी उन्होंने पूरा किया