New Delhi. सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष 11 अगस्त को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) की उत्तर-कुंजी और प्रश्नपत्रों का खुलासा करने संबंधी एक याचिका पर शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड (एनबीई) को एक नोटिस जारी किया. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एमबीबीएस डॉक्टर इशिका जैन एवं अन्य की उस याचिका का संज्ञान लिया, जिसमें उत्तर-कुंजी का खुलासा करने और अन्य उपाय करने की मांग की गई है, ताकि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.
एमबीबीएस और बीडीएस के बाद के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-पीजी परीक्षा आयोजित की जाती है. राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा 23 अगस्त को घोषित किए गए परिणामों ने अप्रत्याशित रूप से कम रैंकिंग को लेकर छात्रों के बीच चिंता पैदा कर दी है. कई छात्रों ने अनौपचारिक उत्तर कुंजी के साथ अंकों की तुलना करने के बाद रैंकिंग प्रक्रिया में विसंगतियों के बारे में संदेह जताया और एनबीई से आधिकारिक उत्तर-कुंजी जारी करने तथा संबंधित मुद्दे के हल के लिए एक शिकायत पोर्टल स्थापित करने का आग्रह किया.
जैन और अन्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विभा मखीजा ने कहा कि एनबीई ने न तो प्रश्न-पत्र और न ही उत्तर-कुंजी जारी की है और सही उत्तरों को जाने बिना, उम्मीदवार पारदर्शी तरीके से अपने प्रदर्शन का आकलन नहीं कर पाएंगे. पीठ ने याचिकाकर्ताओं को शुरू में ही दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था. हालांकि बाद में याचिका पर एनबीई को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख निर्धारित की. याचिका में नीट-पीजी 2024 में पारदर्शिता की कमी और मनमाने ढंग से अंतिम समय में बदलाव का आरोप लगाया गया है.