भुवनेश्वर. टाटा स्टील ने सोमवार को कहा कि कलिंगनगर संयंत्र के दूसरे चरण के विस्तार के बाद ओडिशा कंपनी का सबसे बड़ा निवेश गंतव्य बन जाएगा. इसके बाद इस संयंत्र की क्षमता 30 लाख टन सालाना से बढ़कर 80 लाख टन हो जाएगी. कंपनी ने बयान में कहा कि उसने कलिंगनगर संयंत्र विस्तार के दूसरे चरण में 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और वह इकाई में अपनी विस्तारित क्षमता को चालू करने के कगार पर है. कंपनी ने कहा कि कलिंगनगर में चल रहा विस्तार कार्य वर्ष 2030 तक भारत में चार करोड़ टन प्रतिवर्ष क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने की टाटा स्टील की महत्वाकांक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
बयान में कहा गया है, ‘ओडिशा के जाजपुर जिले में टाटा स्टील के कलिंगनगर संयंत्र का चरण-दो विस्तार… इस पूर्वी राज्य को देश की सबसे पुरानी इस्पात निर्माता कंपनी के लिए सबसे बड़ा निवेश गंतव्य बनने की स्थिति में पहुंचा देगा.’ ढेंकनाल जिले में टाटा स्टील मेरामंडली (पूर्व में भूषण स्टील लिमिटेड) संयंत्र के साथ, ओडिशा में कंपनी का कुल निवेश 100,000 करोड़ रुपये से अधिक है. बयान में कहा गया है, ‘भले ही कंपनी कलिंगनगर में अपनी विस्तारित क्षमता चालू करने की राह पर है, टाटा स्टील का मानना है कि आने वाले वर्षों में संयंत्र में इसे दोगुना करके 1.6 करोड़ टन प्रतिवर्ष करने की और गुंजाइश है, जो टाटा स्टील की विकास यात्रा में ओडिशा की भूमिका को और मजबूत करेगा.’