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झारखंड में इंटरनेट बंद करने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जबाव, पूछा क्या है पॉलिसी

रांची. झारखंड में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के कारण इंटरनेट सेवा बंद किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच में इस मामले की शनिवार को सुनवाई की गयी. खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा कि इंटरनेट बंद करने के लिए क्या पॉलिसी है? क्या सभी परीक्षाओं में इसी तरह इंटरनेट बंद कर दिया जाएगा? हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में एफिडेविट के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

सरकार ने शुक्रवार को इंटरनेट सेवा बंद किए जाने को लेकर आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में धांधली रोकने को लेकर 21 और 22 सितंबर को इंटरनेट सेवा बंद की जा रही है. परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद रखा जाएगा. पेपर लीक रोकने और पारदर्शी परीक्षा कराने को लेकर ये कदम उठाया जा रहा है.

प्रार्थी अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने आज शनिवार को ही हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसे शनिवार को अवकाश के बावजूद अधिसूचित किया गया और खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के बाद राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

झारखंड में इंटरनेट सेवा शनिवार को दोपहर पौने दो बजे से बहाल हो गयी है. इंटरनेट सेवा शुरू होते ही राज्य के लोगों ने राहत की सांस ली. झारखंड स्टेट सर्विस कमीशन (जेएसएससी) की ओर से आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को लेकर सुबह 5 बजे से इंटरनेट सेवा ठप थी. पौने दो बजे के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गयी है.

 

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