Ranchi झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने स्वास्थ्य विभाग के गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने व मीडिया में देने के मामले में दर्ज प्राथमिकी व निचली अदालत के आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. सुनवाई के बाद अदालत ने अंतरिम आदेश देते हुए प्रार्थी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को मामले में चार सप्ताह के अंदर जवाब दायर करने का निर्देश दिया.
मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने दिसंबर माह में तिथि निर्धारित करने को कहा. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव की ओर से मई 2022 में डोरंडा थाना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी व निचली अदालत के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विधायक सरयू राय ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है.
उन्होंने प्राथमिकी, चार्जशीट पर लिये गये संज्ञान सहित संपूर्ण आपराधिक कार्यवाही को चुनाैती दी है. रांची के एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने मामले में दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए समन जारी किया है. अनुसंधानकर्ता नागेश श्रीवास्तव ने लगभग ढाई साल बाद आरोपों को सही पाते हुए भादवि की धारा-120बी तथा गोपनीय दस्तावेज लीक करने की धारा-30 (2) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप है कि विधायक सरयू राय ने गोपनीय दस्तावेज को हासिल करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को कोरोना काल में खर्च की गयी राशि के उपयोग की जानकारी दी थी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके खिलाफ डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.