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BREAKING: छठ गीत गाकर मशहूर हुईं लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली के एम्स में निधन, महापर्व के पहले दिन ही ली अंतिम सांस, सीएम हेमंत, पीएम ने जताया शोक

New Delhi. दिल्ली एम्स में भर्ती लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया। कल शाम से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. तबीयत बिगड़ने के बाद 26 अक्टूबर को उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था. वो आईसीयू में थी. 3 नवंबर को हालत में थोड़ा सुधार होने पर वार्ड में शिफ्ट किया गया. लेकिन 4 नंवबर की शाम को उनका ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया था, जिसके बाद से वो वेंटिलेटर पर थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा से आज फोन पर बात की थी. उन्होंने शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. एम्स के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शारदा सिन्हा का सेप्टीसीमिया के कारण ‘रिफ्रैक्टरी शॉक’ के चलते रात नौ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया.


वही, आज केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए दिल्ली एम्स पहुंचे थे. यहां उन्होंने बिहार कोकिला के परिजनों एवं डॉक्टरों से मुलाकात की थी. इससे पहले कल शाम केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार कोकिला से मिलने दिल्ली एम्स पहुंचे थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया
पीएम मोदी ने मंगलवार को प्रख्यात लोक गायिका शारदा के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं.
उन्होंने कहा, आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!

बॉलीवुड फिल्मों में भी गाना गया था

बिहार की समृद्ध लोक परंपराओं को राज्य की सीमाओं से बाहर भी लोकप्रिय बनाने वालीं शारदा सिन्हा के कुछ प्रमुख गीतों में ‘‘छठी मैया आई ना दुआरिया’’, ‘‘कार्तिक मास इजोरिया’’, ‘‘द्वार छेकाई’’, ‘‘पटना से’’, और ‘‘कोयल बिन’’ शामिल थे. इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाना गया था। इनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर- टू’ के ‘तार बिजली’, ‘हम आपके हैं कौन’ के ‘बाबुल’ और ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कहे तो से सजना’ जैसे गाने शामिल हैं.
शारदा सिन्हा के छठ पूजा गाए गीत भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. उनका निधन चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन हुआ.किसी भी छठ घाट पर उनके गाये गीतों जरूर बजाये जाते थे.सिन्हा एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थीं, जिन्होंने अपने कई गीतों में लोक संगीत का मिश्रण किया. उन्हें अक्सर ‘मिथिला की बेगम अख्तर’ कहा जाता था. वह हर साल छठ पर्व पर एक नया गीत जारी करती थीं. उन्होंने इस साल स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद भी उन्होंने छठ पर्व के लिए एक गीत जारी किया था.
सिन्हा एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थीं, जिन्होंने अपने कई गीतों में लोक संगीत का मिश्रण किया था और जिन्हें अक्सर ‘मिथिला की बेगम अख्तर’ कहा जाता था, वे एक छठ भक्त थीं, जो हर साल इस त्यौहार को मनाने के लिए एक गीत जारी करती थीं. इस साल भी तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने छठ पर्व के लिए गीत गाया था.

दुखवा मिटाईं छठी मईयां’’ बेटे ने किया साझा साझा
शारदा सिन्हा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उनके द्वारा गाया गया गीत ‘‘दुखवा मिटाईं छठी मईयां’’ एक दिन पहले ही उनके बेटे द्वारा साझा किया गया था. यह गीत शायद उनकी मनःस्थिति को दर्शाता है, जब वह खराब स्वास्थ्य से जूझ रही थीं.

झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल संतोष गंगवार ने लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया.गंगवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है. उनके निधन से भारतीय लोक संगीत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। भारतीय संगीत और लोक गायन में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा. इस कठिन समय में उनके परिवार और असंख्य प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.

सोरेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘अपनी आवाज से छठ एवं अन्य त्योहारों को जीवंत करने वाली स्वर कोकिला आदरणीय शारदा सिन्हा जी के निधन की दुःखद खबर मिली. स्व. शारदा जी नारी सशक्तिकरण की विराट मिसाल थीं. उनका चले जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई शायद ही कभी पूरी हो पाएगी.छठी मइयां स्व. शारदा जी की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे.

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