Jamshedpur. संवाद-ए-ट्राइबल कॉन्क्लेव का शुक्रवार को बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्र, टाटा स्टील के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी, धाड़ दिशोम देश परगना बैजू मुर्मू, हो समाज के पीढ़ मानकी गणेश पाठ पिंगुवा ने किया. इस अवसर पर टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि संवाद कार्यक्रम हर साल करने का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है. ट्राइबल एरिया के लोगों को इससे जोड़ा जाता है.
यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, इसके माध्यम से दस साल से आदिवासी कला, संस्कृति और उनके स्वरोजगार को उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है, जिसमें सफलता भी मिली है. ट्राइबल आर्ट से लेकर उनके खानपान का संवर्धन किया जा रहा है. सरकार की जो गाइडलाइन है, उसके मुताबिक, हमलोग काम कर रहे हैं. टाटा स्टील कलिंगानगर हो या फिर जमशेदपुर प्लांट, हर जगह कंपनी रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराती है. इसको और गति देने के लिए भी योजना पर काम चल रहा है. टाटा स्टील नौकरियों और रोजगार में आदिवासी समुदाय को प्राथमिकता देगी. कंपनी हमेशा से नौकरियों में आदिवासी समुदाय को प्राथमिकता देती रही है. हाल ही में कई पदों के लिए अलग से सिर्फ आदिवासी समुदाय के लिए बहाली निकाली गयी है.
इस संवाद कार्यक्रम में भारत की 168 जनजातियों के लगभग 2500 प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिन्होंने अपनी अनमोल परंपराओं, कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया. धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित इस अनूठे जनजातीय सम्मेलन ने न केवल इतिहास के पन्नों से जुड़ी महाकविता की याद दिलायी, बल्कि जनजातीय समुदाय की मौलिकता, संघर्ष और आत्मनिर्भरता की आवाज को भी उच्चारित किया. यह आयोजन उस अदृश्य धारा को प्रकट करता है, जो सशक्त होकर जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करती है. कलर्स ऑफ झारखंड कार्यक्रम में विविधता और संस्कृति की अनुपम छंटा दिखी. इस आयोजन में राज्य के विभिन्न जनजातीय समुदायों ने अपने दिलचस्प गीत-संगीत और नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.