NewDelhi. संसद का शीतकालीन सत्र आज सोमवार की सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. लेकिन लोकसभा में मणिपुर, अडाणी समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से शांत रहने और कार्यवाही को सुगम तरीके से चलने देने में सहयोग देने की अपील की. लेकिन लोकसभा अध्यक्ष की बातों का सांसदों पर कोई असर नहीं पड़ा. सांसदों का हंगामा बढ़ता ही गया. हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही 27 नवंबर 11 बजे दिन के लिए स्थगित कर दी.
इधर राज्यसभा में भी सदन की कार्यवाही शुरू हुई. लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस होने के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गयी. दरअसल राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने जैसे ही बोलना शुरू किया, विपक्ष के नेता चिल्लाने लगे कि एलओपी को बोलने दीजिए. इस पर धनखड़ ने कहा कि मुझे बोले हुए अभी एक सेंकेंड भी नहीं हुआ और आप लोग चिल्लाने लगे. इससे विपक्ष नेता की गरिमा को नुकसान पहुंचता है.
धनखड़ ने कहा कि हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं. आपको कुछ तो मर्यादा रखनी चाहिए. इस पर खड़गे ने जवाब दिया कि इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है. तो आप मुझे मत सिखाइए. इस पर धनखड़ ने कहा कि मैं आपको इतना सम्मान देता हूं और आप ऐसा बोल रहे हैं. मुझे दुख पहुंचा है. इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में अडानी का मुद्दा उठाया. लेकिन राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने उन्हें रोक दिया. कहा कि इस मुद्दे पर आप जो भी बोलेंगे उसे रिकॉर्ड नहीं किया जायेगा. सांसदों के जोरदार हंगामे के बाद सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.