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Potato Crisis: पश्चिम बंगाल ने चौथे दिन भी नहीं आने दिये आलू लदे ट्रक, बॉर्डर से ट्रकों को वापस भेजा, बाबूलाल बोले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लेंं संज्ञान

Jamshedpur. पश्चिम बंगाल से बिहार, यूपी, झारखंड सहित अन्य राज्यों में आलू भेजने पर रोक लगाने से व्यापारियों की परेशानी बढ़ गयी है. बंगाल पुलिस ने चौथे दिन शनिवार को बंगाल से आलू लेकर आ रहे दर्जनों ट्रकों को डिबूडीह चेकपोस्ट पर रोक दिया. बंगाल बॉर्डर पर खड़े आलू लदे एक सौ से अधिक ट्रकों को शनिवार की सुबह पुलिस ने वापस कोल्ड स्टोरेज भेज दिया. इसमें अधिकतर ट्रक आलू लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित अन्य राज्यों के लिए निकले थे. बंगाल बॉर्डर पर खड़े ट्रकों पर लदे आलू के सड़ने से व्यापारियों के साथ-साथ ट्रक मालिक व चालक परेशान हैं.

27 नवंबर से ही लगा दी गयी है रोक

बताया जाता है कि बंगाल सरकार ने 27 नवंबर से ही आलू ले जाने पर रोक लगा दी है. बंगाल में पुराना आलू 30-32 रुपये एवं नया आलू 40 रुपये किलो बिक रहा है. बंगाल में आलू की किल्लत नहीं हो, या इसके दाम नहीं बढ़े, इसे देखते हुए बंगाल सरकार के निर्देश पर वहां की पुलिस बॉर्डर से आलू लदे ट्रकों को वापस कोल्ड स्टोरेज भेज रही है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ले संज्ञान : बाबूलाल मरांडी

इधर, झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया के माध्यम से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आलू लदे ट्रकों को रोके जाने से रोजमर्रा की समस्या उत्पन्न हो गयी है. बिहार, यूपी व झारखंड सहित अन्य राज्यों के लिए निकले ट्रकों को बॉर्डर से वापस कोल्ड स्टोरेज भेजा जा रहा है. मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि तत्काल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी से वार्ता कर इस समस्या का निदान करें और झारखंड में आलू की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें, ताकि राज्यवासियों को बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके.

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