नई दिल्ली. लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने संबंधी दो विधेयक अब सोमवार को लोकसभा में पेश नहीं किए जाएंगे. सोमवार को लोकसभा में सदन की होने वाली कार्यवाही के लिए पुनरीक्षित कार्य सूची में इन दोनों विधेयकों के पेश करने का कोई जिक्र नहीं है. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एक देश एक चुनाव से जुड़े दो विधेयक पेश करने वाले थे.
दरअसल, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 18 सितंबर को ‘एक देश, एक चुनाव’ से जुड़ी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी. इसके बाद गुरुवार काे केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश एक चुनाव’ से जुड़े दो विधेयकों को संसद में पेश किए जाने की मंजूरी दे दी थी. इनमें से एक संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधेयक विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ चुनाव कराने के संबंध में है.
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. समिति ने इस संबंध में विभिन्न पार्टियों और हितधारकों से इस पर विचार किया और अपनी सिफारिशें की थीं. इसमें प्रस्ताव किया गया है कि एक अवधि के बाद सभी राज्यों की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल छोटा कर एक साथ चुनाव कराए जाएं. केन्द्र और राज्यों में चुनाव के थोड़े समय बाद ही नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव कराए जाएं. बहुमत न मिलने और अल्पमत की स्थिति में दोबारा चुनाव कराए जाने पर कार्यकाल केवल बाकी बचे समय के लिए हो.