सड़क से सदन तक होगा विरोध :गीता कोड़ा
केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा संसद के मॉनसून सत्र में
लाए गए ग्यारह अध्यादेशों में से चार अध्यादेश किसान विरोधी है ।उक्त बातें सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने चाईबासा में कही । सांसद द्वारा कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा लाये जा रहे ये अध्यादेश किसानों के हित में नहीं है किसान विरोधी है ।
कृषि आधारित राज्य झारखण्ड के राजस्व पर भी इसका नकारात्मक और अधिक है असर पड़ेगा । इन अध्यादेशों के माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और कॉरपोरेट फार्मिंग का जो प्रावधान किया जा रहा है , उनसे सिर्फ निजी कंपनियों को थे फायदा होगा ।
सांसद गीता कोड़ा द्वारा कहा गया कि पच्चास सालों में हमारे देश में जो एमएसपी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की जो प्रणाली थी , उसे खत्म किया जा रहा है । पब्लिक प्रोक्योरमेंट और एफसीआई जो सार्वजनिक वितरण के लिए अनाज खरीदती है , उसे भी खत्म किया जा रहा है । इससे और दुर्भाग्यपूर्ण बात क्या हो सकती है। केन्द्र सरकार ने अध्यादेश लाने से पूर्व राज्य सरकारों से विचार- विमर्श तक करना भी मुनासिब नहीं समझा । मोदी सरकार की नीतियां किसान विरोधी है । खेत-खलिहान को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का घिनौना यह षड्यंत्र है । मोदी सरकार कृषि को गुलामी की जंजीरों में जकड़ने का षड्यंत्र रच रही है । यह काले कानून देश के करोड़ों खेती और करोड़ों आढ़तियों को खत्म करने की सोची-समझी एक राजनीतिक साजिश है । खेती और किसानी को मुट्ठी भर पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का सोचा- समझा षड्यंत्र है । कांग्रेस इसका कड़ा विरोध करती है और हरित क्रांति को हराने की भाजपा की साजिश को कभी कामयाब नहीं होने देगी
इस काले कानून और किसान विरोधी कानून के खिलाफ सड़क से सदन तक विरोध होगा।
ए के मिश्र