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गुलदस्ता देकर आदित्यपुर थाना प्रभारी से पहचान बनाने की होड़,अवैध कारोबारी भी हुए सक्रिय! 

गुलदस्ता देकर आदित्यपुर थाना प्रभारी से पहचान बनाने की होड़,अवैध कारोबारी भी हुए सक्रिय!

सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना के नए थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे को इन दिनों गुलदस्ता देकर भेंट कर स्वागत करने की होड़ लगी हुई है, जो इन दिनों क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ हैl  कुछ लोग आदित्यपुर थाना प्रभारी से अपनी पहचान बनाने के लिए गुलदस्ता देकर लोगों के बीच अपना एवं थाना प्रभारी के बीच अपनापन का संदेश संभवत: समाज को देना चाहते हैं l वही कुछ अवैध कारोबार करने वाले भी सक्रिय होते नजर आ रहे हैं ,जो इन दिनों क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूर्व में लहर चक्र में प्रकाशित समाचार  “आदित्यपुर थाना दलालों के कारण ही समय से पूर्व प्रभारी नप जाते हैं” और” डगर आसान नहीं “से प्रकाशित कुछ नजारे दिखने लगे हैं l आदित्यपुर थाना जिले में ही नहीं झारखंड में भी प्रमुख रूप से जाना जाता है ।औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते आदित्यपुर थाना झारखंड का काफी महत्वपूर्ण  एवं क्रीम थाना माना जाता है। थाना के आसपास अक्सर दलाल प्रवृत्ति के लोग सक्रिय देखे जाते हैं  और यही दलाल प्रवृत्ति के लोग थाना प्रभारी के लिए गले की फांस बन जाते हैं । थाना में अक्सर सक्रिय दिखने वाले ऐसे दलाल प्रवृत्ति के लोग की शिकायत उच्च अधिकारियों तक चली जाती है और थाना प्रभारी के लिए सर पर तलवार बनकर हमेशा लटकती रहती है ।दलाल प्रवृत्ति के लोग थाने की आड़ में मालो माल हो जाते हैं आम जनता लाचार होकर दलाल प्रवृत्ति के लोग के चक्कर में यूं ही पीसते रहते हैं। आदित्यपुर वासियों की माने तो दलाल प्रवृत्ति के लोग ही समय से पहले थाना प्रभारी की तबादले के कारण बन जाते हैं, ऐसे तत्व के सक्रिय होने के कारण ही आदित्यपुर के थानेदार वक्त से पहले बदल दिए जाते हैं । आदित्यपुर क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि नए थानेदार के लिए भी आदित्यपुर की डगर आसान नहीं है ,यहां ब्राउन शुगर, अवैध शराब, गंजा अवैध रूप से बालू उत्खनन एवं भंडारण समेत कई अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं । थाना क्षेत्र में लॉटरी, मटका, जुआ ,गैस कटिंग ,अवैध बालू का कारोबार, स्क्रैप आदि कई अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं। अपराध भी आदित्यपुर क्षेत्र में सर चढ़कर बोल रहा है ।चोरी, डकैती, हत्या, लूट, छिनतई की घटनाएं काफी बढ़ रहे हैं,जिस पर अंकुश लगाना नए थानेदार के लिए कांटो भरा ताज से कम नहीं है।
ए के मिश्र

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