रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत प्रशिक्षण हॉल और वन औषधि द्रव्य प्रदर्शनी दीर्घा का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में कृषि क्षेत्र का अहम स्थान है चूंकि यहां की लगभग 80% आबादी ग्रामीण इलाकों में निवास करती है. कृषि ही उनकी मुख्य आजीविका का साधन है. उन्होंने कहा कि कृषि में आधुनिक तकनीक की भूमिका अहम है और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय पिछले 45 वर्षों से किसानों के उत्थान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. इस विश्वविद्यालय के माध्यम से हजारों छात्रों को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा दी जा रही है. जिनमें से कई छात्र अब देश-विदेश में किसानों को बेहतर मार्गदर्शन दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने झारखंड के पठारी इलाकों में खेती के लिए पानी की उपलब्धता की कमी की बात की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पाइपलाइन के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने लिफ्ट इरिगेशन की योजना को भी प्राथमिकता देने की बात कही. साथ ही कहा कि राज्य सरकार किसानों के लाभ के लिए कई योजनाओं को लागू कर रही है. जिनमें कुआं निर्माण योजना भी है, जिससे किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने किसानों के उत्थान के लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के समन्वय पर बल दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक मजबूत कार्य योजना तैयार करेगी. जिससे किसान अधिक उत्पादन कर सकें और उन्हें अच्छे बाजार की सुविधा मिल सके. इस दिशा में राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में किसानों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की जाएगी.
मंईयां सम्मान योजना का जिक्र
उन्होंने महिला किसानों के लिए मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की जानकारी दी. जिसके तहत महिलाओं को ढाई हजार रुपये दिए जा रहे है. इस राशि के माध्यम से महिलाएं कृषि, पशुपालन, मछली पालन और अन्य व्यवसायों के जरिए आत्मनिर्भर बन सकेंगी. राज्य सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है. झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जो महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बना रहा है. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों और योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी.
