नई दिल्ली. एअर इंडिया की वैश्विक उपस्थिति आने वाले वर्षों में और बढ़ने वाली है. विमानन कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) कैंपबेल विल्सन ने बुधवार को कंपनी के विस्तार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा करते हुए यह बात कही.
एअर इंडिया प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने अपने नए साल की शुभकामनाओं में एयरलाइन की बेड़े और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जिससे भारतीय विमानन के लिए एक मजबूत भविष्य सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद से कंपनी ने काफी प्रगति की है और आने वाले वर्षों में इसकी वैश्विक पहुंच और बढ़ेगी.
विल्सन ने कहा कि घरेलू और कम दूरी के अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की सेवा देने वाले एकल-गलियारे वाले बेड़े की आंतरिक मरम्मत का काम जारी है. यह 2025 के मध्य तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में एयर इंडिया की वैश्विक कवरेज में और वृद्धि होगी, क्योंकि हाल ही में हमारे ऑर्डरबुक में 100 विमान जोड़े गए हैं, जो 2023 में 470 विमानों के लिए की गई प्रतिबद्धता को और बढ़ाएगा.
विल्सन ने कहा कि इन नए विमानों को बेंगलुरु में एक बिल्कुल नई 12-बे रखरखाव सुविधा और प्रशिक्षण स्कूल, अमरावती में एक नया 34-विमान उड़ान स्कूल और गुरुग्राम में उपर्युक्त प्रशिक्षण अकादमी द्वारा समर्थन दिया जाएगा, जो न केवल हमारी एयरलाइन बल्कि भारत के विमानन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
विल्सन ने कहा कि जनवरी 2025 एअर इंडिया की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. एयरलाइन टाटा समूह में अपनी वापसी की तीसरी वर्षगांठ मना रही है. इसी समय एयरलाइन ने अपने महत्वाकांक्षी पांच वर्षीय विहान एआई परिवर्तन कार्यक्रम के मध्य में है, जिसका उद्देश्य एअर इंडिया को एक विशिष्ट भारतीय पहचान के साथ विश्वस्तरीय वैश्विक वाहक के रूप में स्थापित करना है.