National NewsSlider

बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटाया

ढाका. बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार ने देश की मुख्य इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी और उसके समूहों पर से प्रतिबंध हटा दिया है. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ‘आतंकवादी गतिविधियों’ में उनकी संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है.

इससे पहले बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान घातक हिंसा भड़काने का आरोप लगा था, जो हसीना के खिलाफ विद्रोह में बदल गया, जिससे उन्हें इस्तीफा देने और भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. कार्यवाहक सरकार द्वारा बुधवार को एक गजट अधिसूचना में कहा गया कि “आतंकवादी गतिविधियों में जमात और उसके सहयोगियों की संलिप्तता का कोई विशेष सबूत नहीं है.”

पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया है कि उसने हिंसा भड़काई और प्रतिबंध को “अवैध, न्यायेतर और असंवैधानिक” बताया. जमात बांग्लादेश में चुनाव नहीं लड़ सकी है क्योंकि 2013 में एक अदालत ने कहा था कि एक राजनीतिक दल के रूप में उसका पंजीकरण बांग्लादेश के धर्मनिरपेक्ष संविधान के साथ विरोधाभासी है.

पार्टी के वकील शिशिर मोनिर ने कहा कि वह अपने पंजीकरण की बहाली के लिए अगले सप्ताह की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी.

बतादें कि जमात एक इस्लामवादी और पाकिस्तान समर्थक संगठन माना जाता है. जमात का हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का भी एक लंबा इतिहास रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमात के लोगों ने 2001 में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की थी, जब बीएनपी-जमात गठबंधन ने बांग्लादेश में चुनाव जीता था.

Share on Social Media
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now