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Bihar Flood: कोसी उफान पर, बीरपुर बैराज के सभी 56 फाटक खोले गये, 6.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, सुपौल समेत कई जिलों में तबाही की आशंका से सहमे लोग

Patna. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को बिहार के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है और अगले 24 घंटों में राज्य के 13 जिलों में अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी जारी की है. आईएमडी की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुज़फ़्फ़रपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना है. विभाग ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में अगले 24 घंटों में अचानक बाढ़ आने का ख़तरा पैदा हो गया है. पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य भर में कई नदियों का जलस्तर बढ़ा है. बिहार जल संसाधन विभाग ने उफनती कोसी और गंडक नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. विभाग ने इन नदियों से सटे जिलों को सतर्क रहने को कहा है.

जल संसाधन विभाग द्वारा शुक्रवार देर शाम जारी बुलेटिन में कहा गया है, नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं. स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 27 और 28 सितंबर की मध्य रात्रि में गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज के कुछ गेट खोल और छह लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाएंगे, जो हाल के दिनों में सबसे अधिक होगा. बुलेटिन में कहा गया है कि इसके अलावा 28 सितंबर को दोपहर करीब 12 बजे कोसी बीरपुर बैराज से 6.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएंगे.
जल संसाधन विभाग ने अपने अभियंताओं को सतर्क रहने और तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. बिहार में गंगा नदी के किनारे बसे करीब 12 जिलों के कुल 376 पंचायतों में बाढ़ जैसे हालात हैं और निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.56 लाख लोग बढ़ते जलस्तर से प्रभावित हुए हैं. इन जिलों के निचले इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर बाढ राहत शिविरों में लाया गया है. इन प्रभावित 12 जिलों में बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार शामिल हैं.

कोसी बराज के सारे फाटक खोले जा चुके

वीरपुर स्थित कोसी बराज से शुक्रवार की रात 12 बजे 01 लाख 54 हजार 015 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. वहीं बराह क्षेत्र में 01 लाख 68 हजार 300 क्यूसेक बढते क्रम में दर्ज किया गया. कोसी बराज के 19 फाटक रात में ही खोल दिए गए थे. वहीं शनिवार की सुबह पहले कोसी बराज के 44 फाटक खोले गए. तब कोसी बराज पर 03 लाख 81 हजार 840 क्यूसेक पानी बढते क्रम में दर्ज किया गया. जबकि बराह क्षेत्र में 03 लाख 38 हजार क्यूसेक बढते क्रम में दर्ज किया गया है. शनिवार की सुबह 8 बजे तक की जानकारी के अनुसार, कोसी बराज पर 04 लाख 18 हजार 285 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. वहीं बराह क्षेत्र में पानी 03 लाख 53 हजार 500 क्यूसेक बढते क्रम में दर्ज किया गया. बराज के 44 फाटक खुले हुए हैं. वहीं 8:30 बजे तक बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए थे. सुबह 9 बजे कोसी बराज पर 04 लाख 49 हजार 680 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. वही बराह क्षेत्र में 03 लाख 79 हजार 400 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया.

56 साल में पहली बार रिकॉर्ड डिस्चार्ज की संभावना

भारी बारिश की वजह से कोसी नदी नेपाल और बिहार में ऊफनाई हुई है. इसका जलस्तर और बढ़ सकता है. अनुमान लगाया गया है कि शनिवार को कोसी का डिस्चार्ज 7 लाख क्यूसेक के करीब पहुंच सकता है. जो पिछले 56 साल में पहली बार रिकॉर्ड डिस्चार्ज होगा. अगर ऐसा हुआ तो तटबंध के अंदर के इलाकों में तबाही का मंजर दिख सकता है. सुपौल के डीएम ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. हालांकि कोसी तटबंध के अंदर बसे लोग कई जगहों पर इसके लिए तैयार नहीं हो रहे. जिससे प्रशासन के लिए भी चुनौती बढ़ी हुई है.

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