सरकार ने चीफ इंजीनियर विरेंद्र राम को करोड़ों की संपत्ति ईडी द्वारा जप्त करने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। ईडी के गिरफ्तारी के बाद चीफ इंजीनियर विरेंदर राम जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं और उनकी संपर्क में रहने वाले पर ईडी लगातार करवाई कर रही है।
चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद से ईडी के बढ़ते दायरे को देखते हुए राज्य के पदाधिकारी,नेताओं और ठेकेदारों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
जैसे-जैसे ईडी की जांच के दायरे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे संवेदक ,नेताओं और पदाधिकारियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। एक ऐसा भी वक्त था जब पद के लिए साम-दाम-दंड-भेद सभी अपनाते थे और पद पर सुशोभित होते थे परंतु आज उसी पद पर बैठने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। आज चीफ इंजीनियर की प्रभार कोई नहीं लेना चाहता है। चौकीय नही समय बदलता है और करवट लेता है। कभी पद के लिए सब कुछ अपनाए जाते थे और आज पद देने पर भी लोग इंकार कर रहे हैं ।यह झारखंड की भ्रष्टाचार की असली तस्वीर है।
यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि ईडी पर कोल्हान की कितने नेता,बिल्डर, संवेदक और अधिकारी आते हैं। झारखंड में नेताओं अफसरों संवेदको में खलबली मची हुई है।
वीरेंद्र राम के संपर्क में रहने वाले सभी लोगों की ईडी रिकॉर्ड खंगाल रही है। चौकीय नहीं जनाब कटु सत्य की सामना कीजिए । झारखंड पर एक और केंद्रीय एजेंसी की वक्र दृष्टि पड चुकी है ,जो सरसरी निगाहें और बारीक दृष्टि से नेताओं अफसरों संवेदको की रिकॉर्ड को खंगाल रही है। ईडी की करवाई से झारखंड में जहां आए दिन राजनीतिक उथल-पुथल होते रही है। वहीं अब एक और एजेंसियों की वक्र दृष्टि से राजनीतिक हालात और तापमान बढ़ने की ओर इशारा कर रही है। झारखंड में पिछले कई महीनों से चल रही ईडी की करवाई से कई नेता अफसर और कारोबारी डरे सहमे हुए हैं। वही एक और एजेंसियों की इंट्री से राजनीतिक कोहराम झारखंड की देहरी पर मचाने वाली है।
झारखंड की राजनीतिक पारा भी चढ़ने लगा है। इसी बीच एक और केंद्रीय एजेंसी बड़े पैमाने पर नेताओं अफसरों और कारोबारियों पर करवाई की तैयारी में लगी हुई है। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी के बड़े अधिकारी भी रांची में डेरा डाल चुके हैं। जो नेता अफसरों के साथ साथ संवेदको और रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों की जानकारी हासिल कर उनके ऊपर निगाहें रख रहे हैं। चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के घर से मिले दस्तावेजों और करोड़ों रुपए के बाद, एजेंसीया झारखंड में एलर्ट मोड पर रह रही है ।
ए के मिश्र