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विश्व शांति,निराशा को दूर करने एवं आशा के संचार के लिए विश्व स्तरीय 1 वर्ष का अखंड कीर्तन”बाबा नाम केवलम्” शुरू

विश्व शांति,निराशा को दूर करने एवं आशा के संचार के लिए विश्व स्तरीय 1 वर्ष का अखंड कीर्तन”बाबा नाम केवलम्” शुरू

जमशेदपुर 21 अगस्त 2022

निकटवर्ती आनंद मार्ग के केंद्रीय कार्यालय आनंदनगर स्थित कीर्तन मंडप में विश्व शांति के लिए दोपहर 3 बजे अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र “बाबा नाम केवलम्”का कीर्तन प्रारम्भ हुआ l

यह कीर्तन जमशेदपुर सहित झारखंड, भारतवर्ष के प्रत्येक राज्य एवं दुनिया के 160 देशों से 1 वर्ष यानि 21 अगस्त 2023 तक अपने सुविधानुसार भक्तगण कीर्तन में भाग लेंगेl

कीर्तन की महिमा बताते हुए आचार्य सवितानन्द अवधूत ने कहा कि विश्व शांति के लिए यह 1 वर्षीय कीर्तन की शुरुआत की गई है ,बहिर्मुखी और जड़ाभिमुखी चिन्तन ही वैश्विक अशांति का मूल कारण है। मनुष्य के हिंसक प्रवृति के कारण वातावरण में भय और चित्कार का तरंग बह रहा है। संयमित जीवन सात्विक आहार, विचार और व्यवहार से विश्व अशांति को हराया जा सकता है। कीर्तन मानवीय संवेदना को मानसाध्यात्मिक स्तर में ले जाकर परम-शांति का रसपान कराता है। भाव विह्वल होकर जब मनुष्य परम पुरुष को पुकारता है तो उसके अंदर आशा का संचार होता है। कीर्तन करने से उसका आत्मविश्वास और संकल्प शक्ति बहुत मजबूत हो जाता है। सामूहिक कीर्तन करते हैं तब उन लोगों की मात्र शारीरिक शक्ति ही एकत्रित होती है ऐसी बात नहीं है उनकी मिलित मानस शक्ति भी एक ही भावधारा में एक ही परम पुरुष से प्रेरणा प्राप्त कर एक ही धारा में एक ही गति में बहती रहती है इसलिए मिलित जड़ शक्ति और मिलित मानसिक शक्ति इस पंचभौतिक जगत का दुख कलेश दूर करती है.

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